हरिद्वार। हरिद्वार जिला महिला अस्पताल में बच्चा बदलने का मामला सामने आया है। इसे लेकर एक पक्ष खासा हंगामा कर रह रहा है। पुलिस में शिकायत देकर लापरवाही का आरोप भी लगाया गया है। आरोप है कि जन्म के बाद बच्चे को बदल दिया है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चों के हाथ में लगाया गया रबर बैंड बदल गया था। उधर परिजन डीएनए टेस्ट कराने पर अड़े हैं। पुलिस भी डीएनए टेस्ट की तैयारी कर रही है।
पुलिस के मुताबिक बीते 20 अगस्त की दोपहर को अंबूवाला पथरी निवासी अनुरूपा पत्नी अजीत और सोनिया पत्नी रजत निवासी शाहपुर शीतलाखेड़ा पथरी ने बच्चों को जन्म दिया था। सोमवार को दोनों की अस्पताल से छुट्टी की गई थी। अंबूवाला निवासी अनुरूपा और उनके परिजन घर पहुंच तो उन्होंने देखा कि बच्चे के हाथ में लगाये गए रबर बैंड में मां का नाम सोनिया लिखा हुआ है। यह देख परिजन हैरत में पड़ गए। अनुरूपा के परिजनों को अस्पताल में बताया गया था कि उन्होंने एक बच्ची जन्म दिया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चा बदल दिया है। अनरूपा ने लड़के को जन्म दिया था। परिजन अस्पताल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। तभी अस्पताल की ओर से सोनिया के परिजनों को भी बुला लिया। सोनिया के बच्चे के हाथ में अनुरूपा के नाम का रबर बैंड था। यह देख सब हैरत में पड़ गए। अंबूवाला से आये परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल प्रबंधक से बातचीत की। सूचना मिलते ही महिला दरोगा हेमलता मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों की बात सुनी। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चों के रबर बैंड बदल गए थे। बच्चा बलदने जैसे की कोई बात नहीं है। देर शाम तक चले हंगामा के बाद डीएनए कराने की बात पर सहमति बनी हुई है। दोनों बच्चों का डीएनए होगा।
उधर सीएमएस डॉ. राजेश गुप्ता का कहना है आज अस्पताल के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उधर शहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है। जांच की जा रही है।