पिथौरागढ़। भारत-नेपाल को जोडऩे वाले पुल खोलने के आदेश के बाद भी नेपाल ने चार झूला पुल अभी तक नहीं खोले हैं। भारत की तरफ पुल खोल दिए गए हैं, इसके बाद भी नेपाल की तरफ से कवायद नहीं होने से जौलजीबी नेपाल की महिलाएं आक्रोशित हो गई। महिलाओं ने पुल के गेट पर प्रदर्शन कर तत्काल आवाजाही खोलने की मांग की है।
भारत-नेपाल के मध्य दोनों देशों के गृह मंत्रालय की अनुमति से पुल खुलने के आदेश मिल चुके हैं। इसके बाद धारचूला, झूलाघाट पुल खुल चुके हैं, परंतु नेपाल ने अभी जौलजीबी, बलुवाकोट, सीता पुल और एलागाड़ पुल नहीं खोले हैं। जबकि भारत ने सभी पुलों के गेट खोल दिए हैं। इसे लेकर नेपाल की जनता में रोष व्याप्त है। सोमवार को नेपाल के जौलजीबी में आक्रोशित महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए पुल प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। जौलजीबी पुल भारत-नेपाल के बीच का व्यस्ततम पुल है। इस माह के प्रारंभ में सरकारों के निर्णय के बाद धारचूला, झूलाघाट पुल खोल दिए गए हैं। अन्य पुल भी भारत की तरफ से खुले हैं, परंतु नेपाल ने चार पुल अभी तक नहीं खोले हैं। सोमवार को नेपाल जौलजीबी की महिला संघर्ष समिति की अध्यक्ष हीरा देवी चंद के नेतृत्व में महिलाओं ने पुल के गेट के पास प्रदर्शन किया और तत्काल पुल खोलने की मांग की । महिलाओं का कहना था कि पुल नहीं खोले जाने से बच्चे भारत स्थित विद्यालयों में पढऩे तक नहीं आ पा रहे हैं। बीमार लोग उपचार के लिए भारत नहीं जा पा रहे हैं। जौलजीबी में लगभग डेढ़ सौ से अधिक बच्चे नेपाल से पढऩे आते हैं। महिलाओं का कहना था कि भारत-नेपाल को जोडऩे वाला पुल नहीं खुलने से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने पुल खोल दिए है नेपाल पुल नहीं खोल रहा है। इस मौके पर पुल प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। जल्दी पुल नहीं खोलने पर उग्र आंदोलन की चेेतावनी दी गई। प्रदर्शन करने वाली प्रमुख महिलाओं में धाना धामी, सीता चुनारा, गोमती भट्ट, नर्मदा धामी, विमला, शोभा, गीता, लक्ष्मी सहित अन्य महिलाएं शामिल थीं।