*बनभूलपुरा संघर्ष समिति ने कांग्रेस के सामने रखी शर्त: समिति की मांगों को घोषणापत्र में शामिल न किया तो होगा विरोध*

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हल्द्वानी। बनभूलपुरा संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि कांग्रेस ने समिति द्वारा दस सालों से उठाई जा रही मांगों को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया तो समिति कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी। इन सात मांगों में बनभूलपुरा के लोगों को मालिकाना हक और गफूर बस्ती का पुनर्वास भी शामिल है।
समिति के संयोजक उवैश राजा ने इस संबंध में पत्र भी जारी किया है। कहा है कि संघर्ष समिति ने बनभूलपुरा के लोगों को मालिकाना हक देने की मांग लंबे समय से उठाई है। इसी तरह गफूर बस्ती का पुनर्वास, बनभूलपुरा से रेलवे के खंभे हटाने, इस क्षेत्र में पाॅलीटेकनिक व आईटीआई खोलने, बङा अस्पताल स्थापित करने, हर घर के बाहर सीवर लाइन बिछाने और ट्रचिग ग्राउंड को गौलापार बाईपास से हटाने की मांग मुख्य हैं।
समिति संयोजक उवैश राजा ने कहा कि समिति कांग्रेस से इन सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन लेने के साथ ही कांग्रेस के घोषणा पत्र में इन्हें शामिल करने की मांग उठाई रही है। यदि कांग्रेस ने इन मांगों को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया तो समिति कांग्रेस का विरोध करेगी। कहा कि बनभूलपुरा के लोग कांग्रेस को वोट देते आए हैं। कांग्रेस यहां के वोटों से ही जीतते आई है। इसलिए इन मांगों को अनदेखा करना कांग्रेस के लिए बङी समस्या होगी।

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