*हिमालयन संगीत शोध समिति की होली का दूसरा चरण शुरु, बसंत पंचमी को नृत्य गीत से समा बांधा*

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हल्द्वानी। हिमालय संगीत शोध समिति द्वारा आज बसंत के गीतों के साथ द्वितीय चरण की होली का शुभारम्भ किया। साथ ही नृत्य गीत के शास्त्रीय कार्यक्रमों ने समां बांध दिया।
समारोह का शुभारम्भ वयोवृद्ध संगीत रसिक कृष्णानंद भट्ट ने किया। शोध समिति के जे के पुरम मुखानी स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में कैलाश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता व संगीतज्ञ डा. पंकज उप्रेती के संचालन में हुए आयोजन का आनलाइन प्रसारण भी किया गया।
समारोह में रिधिमा पांडे ने कथक की मनोहारी प्रस्तुति दी। लाओ जी केशर रंग पिचकारी में भावनृत्य की प्रस्तुति में तबला संगति आचार्य धीरज उप्रेती ने की।
शुभम मठपाल ने बसंत की प्रस्तुति- आयो बसंत सुहाये, शुभम पोखरिया ने- बेला बसंत आई, पंकज जोशी ने- चलो थी गुइया साबिर के दरबार, लोकेश कुमार ने- राग बसंत की अवतारणा की।
इस अवसर पर आशुतोष उप्रेती, प्रवीण जोशी, कैलाश कुमार आदि उपस्थित थे।

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