काशीपुर। एक्सिस बैंक से 16 लाख रुपये के गबन का कोतवाली पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कस्टोडियन ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपितों के पास से दस लाख रुपये नकद, एक कार, दो बैग, दो टूल किट, एक की बोर्ड समेत तमाम सामान बरामद किया है। आरोपित एटीएम मशीन को हाफ लाक करके उसमें से कैश निकाल कर अपने अन्य साथियों को सौंप देते थे। खुलासा करने वाली टीम को एसएसपी दलीप सिंह कुंबर ने ढ़ाई हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
शनिवार को अपने कार्यालय में घटना का खुलासा करते हुए एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि 22 फरवरी को सीएमएस कंपनी हल्द्वानी के शाखा प्रबंधक विजय सिंह ने कोतवाली में 16 लाख रुपये के गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि कस्टोडियन देवेश और वैभव ने एटीएम में डालने के लिए दिए गए रुपये में से 16 लाख का गबन कर लिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। कोतवाल संजय पाठक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
शुक्रवार शाम पुलिस टीम ने मुरादाबाद रोड पर एक कार से नगर के मोहल्ला थाना साबिक निवासी निवासी देवेश यादव, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जनपद के थाना हजीरा के गांव चौड़े के हुनमाननगर निवासी अभिमन्यु, पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी निवासी ओमपाल, खरखोदा, मेरठ के थाना खरखोदा के गांव पांची निवासी रवि कुमार और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जनपद के थाना हजीरा के गांव चौड़े के हुनमाननगर निवासी उमेश उर्फ गोलू को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 10 लाख की नकदी, एक कार, दो बैग, दो टूल किट, एक की बोर्ड, दो एडमिन कार्ड, पासबुक बरामद हुई। एसपी ने बताया कि ठाकुरद्वारा में भी इसी पैटर्न पर 15 लाख का गबन किए जाने की जानकारी मिली है। अगर उस घटना में भी इन आरोपितों को हाथ निकला तो गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपितों का संदिग्ध बैंक खाता सीज कर दिया गया है।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि कस्टोडियन देवेश यादव एटीएम में रुपये जमा करने जाता था और अपने दूसरे साथी को किसी अन्य कार्य में व्यस्त रखकर एटीएम को हाफ लाक करके छोड़ देता था। जैसे ही सीएमएस कंपनी की टीम एटीएम से वापस चली जाती थी देवेश अपने साथियों को एटीएम में बुलाता था। दो लोग एटीएम के बाहर निगरानी करते थे और तीन लोग एटीएम के अंदर जाकर लाक खोल कर नकदी निकाल लेते थे। पकड़े गए आरोपित ओमपाल का काम एटीएम को हैक कर निकाली गई धनराशि को कार्ड से घटाकर घटाई राशि को तुरंत ही करंट बैलेंस कर हार्ड डिस्क खराब करना था। ऐसे में पैसा गायब होने के समय मामला पकड़ में नहीं आता था और सीएमएस कंपनी को लगता था कैश पूरा है। हालांकि कुछ दिन बाद मामला खुल गया।
सीएमएस कंपनी की ओर से 22 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें गबन करने का आरोप देवेश यादव और वैभव भारद्वाज पर लगाया था। प्रबंधक विजय सिंह ने बताया था कि आरोपितों इस सफाई से पैसे उड़ा रहे थे कि तुरंत गबन का पता नहीं चला। फिर एक दिन पता चला कि कैश कम हो गया है तो कमेटी बनाकर जांच कराई गई। जांच कराने के बाद पता चला कि कस्टोडियन ने पैसे का गबन कर लिया है। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि यह खेल इतनी सफाई से खेला गया कि मामला समय से नहीं खुल सका। पता चला कि देवेश ने अपने चार अन्या साथियों के साथ मिलकर पैसा उड़ाया था। यही वजह थी कि वह मामला खुलने से पहले नौकरी छोड़ कर चला गया था। एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि केस में वैभव की भूमिका नहीं पाई गई है।
टीम में यह पुलिस कर्मी रहे शामिल
खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर कोतवाली संजय पाठक, एसएसआइ देवेंद्र गौरव, एसआइ रविंद्र बिष्ट, कांस्टेबल सुनील तोमर, कैलाश चंद्र, दिनेश चंद्र, कैलाश तोमक्याल, गिरीश कांडपाल आदि शामिल रहे।