*फैक्चर रीढ़ की हड्डी का सुशील तिवारी अस्पताल में सफल आप्रेशन, मेडिकल कॉलेज के नाम बङी उपलब्धि*

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हल्द्वानी। हड्डी रोग से संबंधित मरीजों के लिए खुशखबरी है। हड्डी के रोगियों को अब जटिल ऑपरेशन व ईलाज के लिए इधर-उधर निजी चिकित्सालय में भटकना नही पड़ेगा।
राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी के अस्थि रोग विभाग के चिकित्सक नवीनतम तकनीक से जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर नित नये आयाम स्थापित कर रहे है, इसी क्रम में बागेश्वर निवासी युवती की रीड़ की हड्डी का फैक्चर का नवीनतम तकनीक से जटिल ऑपरेशन सफलता पूर्वक कर मेडिकल कॉलेज के नाम एक और उपलब्धि जोड़ दी है।
बागेश्वर निवासी युवती चट्टान से गिर गयी थी, जिसे रीड़ की हड्डी का फैक्चर हो गया था, जिसे बागेश्वर जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया। तब वह परिजनों के साथ 8 मई को डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग में उपचार के लिए पहुॅची। चिकित्सकों द्वारा संपूर्ण आवश्यक जांच करायी व चिकित्सकीय परीक्षण के उपरांत एनेस्थिीसिया विभाग की मदद से सर्जरी करने का निर्णय लिया।
अस्थि रोग विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डा0 गणेश के दिशा-निर्देशन में स्पाईन विशेषज्ञ डा0 नवीन अग्रवाल व चिकित्सकीय टीम ने नवीनतम तकनीक छोटे चीरे से हड्डी के फैक्चर का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया। अभी रोगी स्वस्थ है, और स्वास्थ्य लाभ कर रही है। स्पाईन विशेषज्ञ डा0 नवीन अग्रवाल ने बताया कि छोटे चीरे एम0आई0एस0 (मिनिमली इनवेसिव सर्जरी) पद्वति से रीड़ की हड्डी में स्क्रू लगाये है। डा0 अग्रवाल का कहना है कि बड़े चीरे वाली सर्जरी में मांसपेशियों को काटना व खोलना पड़ता है व हड्डी को छीलना पड़ता है वही छोटे चीरे वाले ऑपरेशन में पिन होल से स्क्रू डाल देते है, इस पद्वति से मरीज का खून भी कम निकलता है, और मरीज शीघ्र ही चलने लगता है।
डा0 अरूण जोशी प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज ने अस्थि रोग विभाग के डा0 गणेश सिंह एसोशिएट प्रोफेसर व विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहा कि कुमाऊॅ क्षेत्र के ऐसे मरीज जिनका ईलाज निजी चिकित्सालय में करवाना अपनी क्षमता से बाहर है उनके लिए डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय वरदान साबित हो रहा है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के जन संपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती ने बताया कि उक्त जटिल सर्जरी में एनेस्थिसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डा0 उर्मिला पलड़िया, डा0 प्रियंका, स्पाईन विशेषज्ञ डा0 नवीन अग्रवाल, डा0 ईश्वर, डा0 आनंद, पंकज, दीपक, खीमराज आदि का उक्त जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक करने में विशेष योगदान दिया।

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