हल्द्वानी। उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत ने कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में आंधी-तूफान से हुए नुकसान का शीघ्र ही सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व विभाग के अफसरों से सर्वे के बाद मुआवजा देने के निर्देश दिए।
विधायक श्री भगत ने बुधवार को विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी के चकुलवा, कालाढंूगी, देवलचौड़ मंगोलियापाड़ा, प्रतापपुर, शक्तिपुर, देवीपुरम, पूरनपुर, एवं रतनपुर क्षेत्र में विगत दिनों आये अंधड़-तूफान से काश्तकरों की आम, लीची तथा अन्य फलदार पेड़ो के उखडने से हुए नुकसान का स्थलीय भ्रमण पार्टी पदाधिकारियों के साथ आकस्मिक निरीक्षण किया।
स्थलीय भ्रमण के दौरान कालाढंूगी से चकलुवा तक अत्यधिक मात्रा में हुए फसलों को नुकसान की जानकारी क्षेत्रीय वांशिदों से प्राप्त की। अपने भ्रमण के दौरान कालाढंूगी में आनसिंह गैड़ा द्वारा स्थापित आटा, मसाला चक्की की छत एवं दीवार पूर्ण रूप से ध्वस्त होने, देवलचौड में गौरीदत्त की गौशाला, रतनपुर में प्रेम सिंह की गौशाला, पूरनपुर के आन सिंह नेगी की गौशाला की छते उड़ने से हुए नुकसान का जायजा लिया। पुरनपुर में जागृति शिक्षा निकेतन के शौचालय एवं कक्ष की छत उड़ने की जानकारी प्रधानाचार्य लता बिष्ट द्वारा अवगत कराई गई। देवीपुरम, प्रतापपुर, पूरनपुर व रतनपुर मंगोलियापाड़ा क्षेत्रों के काश्तकारों की नकदी फसल आमलीची के बगीचें पूर्ण रूप से ध्वस्त हुये हैं। काश्तकारों ने विधायक को अवगत कराया कि 5 से 12 वर्ष तक के आम लीची के पेड़ जड़ से उखड़ने से उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान हुआ जिसकी भरपाई करने का अनुरोध क्षेत्रवासियों द्वारा किया गया। इन क्षेत्रों में बिजली के पोल भी कई जगह टूट गये हैं या टेडे़ हो गये है। क्षेत्र के 70-80 लोगो द्वारा विधायक के समक्ष नकदी फसल को नुकसान का मुआवजा सरकार से दिलाये जाने का अनुरोध किया। विधायक के क्षेत्रवासियों का आश्वस्त किया कि गरीबों को अंधड़ से हुये नुकसान का मुआवजा सरकार से दिलाये जाने का प्रयास किया जायेगा साथ ही उन्होंने राजस्व एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों से आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का सर्वे कर लोगों को आवश्यक मुआवजा दिलाये जाने की कार्यवाही करें।
विधायक के क्षेत्रीय भम्रण में महेन्द्र दिगारी, गोपाल बुधलाकोटी, विनोद बुधलाकोटी, भगवान सिंह कुमटिया, मदन मोहन देउपा, हरीश, कविता, सुरेन्द्र सिंह सहित उपजिलाधिकारी कालाढंूगी रेखा कोहली, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेन्द्र कुमार, समेत राजस्व एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।