*हल्द्वानी के बेस अस्पताल में डॉक्टर व नर्सिग स्टाफ न होने से विधायक सुमित नाराज, शासन स्तर पर करेंगे बातचीत*

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हल्द्वानी। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा है कि हल्द्वानी कुमाऊं का बसे बङा स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र है। इसके बाद भी यहां के सरकारी अस्पताल की हालत खराब है। आज बेस अस्पताल के निरीक्षण को पहुंचे। विधायक के सामने नर्सिग स्टाफ की कमी का मुद्दा उठा। इस पर उन्होंने बेस अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बातचीत की।
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि हल्द्वानी क्षेत्र की जनता द्वारा बेस अस्पताल में व्याप्त कमियों के संदर्भ में लगातार शिकायत मिल रही हैं। इनका संज्ञान लेते हुए आज विधायक खुद महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल छिमवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल, प्रदेश सचिव डॉ. मयंक भट्ट, प्रदेश महिला कांग्रेस श्रीमती शोभा बिष्ट, महानगर कोषाध्यक्ष नरेश अग्रवाल, महानगर सचिव कौशलेंद्र भट्ट के साथ सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण के पहुंचे। औचक निरीक्षण में उन्होंने की जमीनी हकीकत जानी। विधायक ने
डायलेसिस वार्ड सहित सभी वार्डो का
निरीक्षण करने के साथ-साथ भर्ती मरीजों से उनका हालचाल जाना। तीमारदारों से हॉस्पिटल में मिल रही सुविधाओं और कमियों की जानकारी लेने के उपरांत विधायक सुमित हृदयेश ने ओपीडी ब्लॉक, इमरजेंसी और फार्मेसी का भी निरीक्षण किया।
अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी को लेकर विधायक सुमित हृदयेश ने सी.एम.एस. से बात की। उन्होंने अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए सभी आवश्यक कार्य करने के लिए निर्देश दिए।
विधायक श्री हृदयेश ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन का आधार है और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। हल्द्वानी के अस्पतालों में उचित स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाने लिये वह हर संभव कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी पर जहां पूरे कुमाऊं के अलावा गढ़वाल मंडल के पौड़ी और चमोली जिले के एक बङे हिस्से के मरीज निर्भर हैं, वहीं नैनीताल जिला भी इस शहर पर निर्भर है। विधायक ने कहा कि डा सुशीला तिवारी अस्पताल पर अधिक मरीज हैं। इसलिए सरकार को बेस अस्पताल को सुविधापूर्ण बनाना चाहिए, ताकि इस अस्पताल में भी रोगियों को सही इलाज मिल सकें। इस महत्वपूर्ण और साधन संपन्न शहर के अस्पताल में डाक्टर और नर्सिग स्टाफ की कमी होना चिंताजनक है। कहा कि यहां की अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।

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