*आशा यूनियन ने अस्पताल प्रशासन को घेरा: हल्द्वानी महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन टाइप टू, डाप्लर तक नहीं*

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हल्द्वानी। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने कहा है कि हल्द्वानी के “महिला अस्पताल में विभिन्न अव्यवस्थाओं के लिए आशाओं को दोषी ठहराया जा रहा जो बिल्कुल गलत है. महिला अस्पताल में हालात यह है कि गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक अल्ट्रासाउंड टाइप टू और डाप्लर तक नहीं हैं। थोड़ा सा भी जटिल मामला सामने आने पर गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया जाता है।
यूनियन की नगर अध्यक्ष रिंकी जोशी ने कहा कि अस्पताल की अव्यवस्थाओं की जिम्मेदारी आशाओं पर डाली जा रही है।
कहा कि, ‘एक तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन आशाओं के कार्य को सम्मानित कर रहा है दूसरी ओर महिला अस्पताल प्रशासन आशाओं पर अनर्गल आरोप लगा रहा है. बिना न्यूनतम वेतन और कर्मचारी के दर्जे के भी आशायें स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में दिन रात जुटी हुई हैं तब भी आशाओं को बदनाम किया जा रहा है जो कि शर्मनाक है।
उन्होंने मांग की कि, “महिला अस्पताल हल्द्वानी में पूरे चौबीस घंटे गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी जांच की सुविधा मिले, टाइप टू अल्ट्रासाउंड, डाप्लर की सुविधा शुरू की जाय. विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाय. आशाओं के प्रति अपने रवैये में अस्पताल प्रशासन बदलाव करे और दिन रात स्वास्थ्य विभाग के अभियानों, सर्वे, कोविड, पल्स पोलियो जैसे कामों में जुटी आशाओं पर गलत आरोप लगाना बंद करे. ”
उन्होंने कहा कि, “इस तरह मीडिया मे लगाए गए आरोपों से आशायें आहत हैं और उनका मनोबल गिरा है. जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उचित नहीं है. इसलिये अस्पताल प्रशासन को आशाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए।

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