निर्बल और असहाय गायों का सहारा है बाबा भवानी गिरी महाराज ,
मां संतोशी गौ सेवा धाम श्री टपकेश्वर महादेव गढ़ी कैन्ट
गौ सेवा में समर्पित किया अपना जीवन
हरिशंकर सैनी
देहरादून, दुधारू पशुओं की जहां आवश्यकता होने पर बेहद मांग बनी रहती है, वहीं निर्बल और असहाय होने पर गायों को लाचार अवस्था में त्याग दिया जाता है। ऐसे में गायों की देखभाल का प्रश्न उठ खडे होने पर गौसेवा को दिखावे के रूप में प्रचारित करने वालों की कोई कमी नहीं है। परंतु बेहद कम लोग हैं, जो सच्ची और समर्पित भावना से गौसेवा के कार्य को करते हैं। ऐसा ही कुछ सच्ची लगन और भावना से कार्य कर रहे हैं, मसूरी विधानसभा के श्री टपकेश्वर महादेव गढ़ी कैन्ट के माता संतोशी माता मन्दिर के बाबा भवानी गिरी महाराज मां संतोशी गौ सेवा धाम के अध्यक्ष और उनके साथ निस्वार्थ भावना से जुडे हुए कार्यकर्ता। वर्ष 1998 में माता संतोशी माता मन्दिर व एक आश्रम की स्थापना का निर्णय लिया।
जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने वर्ष 2008 में मां संतोशी गौ सेवा धाम की स्थापना करने का कार्य किया। आश्रम से जुडे और गौ सेवा में लगे श्री भवानी गिरी महाराज बताते हैं, कि गाय मानव जाति को बहुत कुछ देती है और बदले में कुछ नहीं मांगती। गाय एक बहुउपयोगी पशु है, जिसका वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। विज्ञान ने भी गाय की महत्ता को स्वीकार कि या है। गाय न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है, बल्कि मरने के बाद भी उसके शरीर एवं हर अंग काम में आता है।
बाबा भवानी गिरी महाराज ने बताया प्रारम्भ से ही मां संतोशी गौ सेवा धाम संचालन में बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मां संतोशी गौ सेवा धाम संचालन के लिए प्रारंभ में मात्र दो गायों से प्रारंभ हुए इस गौ धाम में आज सैकड़ों से अधिक गायों की सेवा की जा रही है। बाबा भवानी गिरी महाराज बताते हैं कि मां संतोशी गौ सेवा धाम के संचालन में बेहद समस्याओं का सामना भी करना पडा। प्रारंभ से अब तक कई बार वित्तीय समस्याओं का सामना भी करना पडा है। वहीं वन क्षेत्र होने के चलते गायों की सुरक्षा भी एक बडे प्रश्न के रूप में सामने है।
जिसमें निर्बल और असहाय गायों की संख्या ही सर्वाधिक है। बाबा भवानी गिरी महाराज बताते हैं कि जानकारी होने के पश्चात अब निकटवर्ती क्षेत्रों के अलावा दूर-दराज के क्षेत्रों से भी लोग असहाय, निर्बल और वृद्व हो चुकी गायों को लेकर आश्रम में पहुंचने लगे हैं।उनका कहना है कि देहरादून व निकटवर्ती गांवो के साथ ही जनपदों से भी उनके पास गायें आ रही हैं। गौ पालन में वह सबसे बडी समस्या गायों के चारे और उनके देखरेख के प्रबंधन में आने वाले वित्तीय संकट को मानते हैं।
बिना किसी प्रकार की सरकारी सहायता के गौ पालन के क्षेत्र में मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अन्र्तगत श्री टपकेष्वर महादेव गढ़ी कैन्ट के माता संतोशी माता मन्दिर क्षेत्र में स्थित यह मां संतोशी गौ सेवा धाम किसी राजनैतिक और किसी प्रकार के प्रचार से दूर रहकर वास्तविक और सच्ची गौ सेवा का उदाहरण है। मां संतोशी गौ सेवा धाम को है वन क्षेत्र से लगे होने के कारण अक्सर वन्यजीवों की आवाजाही रहती है।
बाबा भवानी गिरी महाराज ने बताया कि यहां बाघ की मौजूदगी भी देखने को मिलती है।
आए दिन गाय और अन्य जीव जंतुओं की बेकद्री के मामले सामने आते हैं. हादसों के दौरान घायल होने वाली गायों और अन्य जीव-जंतुओं को लोग सड़क के किनारे पटक कर चले जाते हैं. जो गायें दूध नहीं देतीं हैं, उन गायों को उनके मालिक सड़क पर खुला छोड़ देते हैं. ऐसी गायों को खल्लर गाय कहा जाता है. इन हालातों को देखते हुए बाबा भवानी गिरी महाराज ने हादसों में घायल होने वाली गाय या किसी बीमारी से परेशान होने वाले जीव जंतुओं को मां संतोशी गौ सेवा धाम में लाकर, उनका इलाज करते हैं.
मां संतोशी गौ सेवा धाम में जीव जंतुओं को रखने के लिए अस्थाई चारदीवारी, टीन शेड, गंभीर जंतुओं को रखने के लिए अलग से व्यवस्था, सहित उनके भोजन के लिए रसोई घर भी बनाया गया है. इतना ही नहीं सर्दी के मौसम में गायों को सर्दी नहीं लगे उसके लिए हीटर और अलग से लाइट की व्यवस्था भी की गई है.
इसी तरह से गर्मी के मौसम में कूलर और पंखे भी लगाए जाते हैं. वहीं जीव जंतुओं को चिकित्सालय तक लाने में खासी परेशानी आती है.
बाबा भवानी गिरी महाराज ने बताया जीव जंतुओं की होने वाली बेकद्री को देखते हुए, उन्होंने उनकी सेवा करने का फैसला लिया. उनकी संस्था जीव-जंतुओं का इलाज करने के अलावा उनको रखने और उनके खाने सहित अन्य व्यवस्थाएं भी करती है. अभी तक सैकड़ों जीव-जंतुओं का उनकी ओर से इलाज किया गया है.
आपको बता दें कि उनकी गौशाला में 150 से अधिक गाय, कुत्ते, बैल सहित अन्य जीव हैं. बाबा भवानी गिरी महाराज ने बताया कि वे अपना समय देते हैं. तो उनको बड़ा ही सुकून मिलता है. इस तरह से कुछ युवा सेवा भाव से वहां आते हैं और काम करते हैं.
जनभागीदारी से चलने वाले इस कार्य में जीव जंतुओं का सुबह-शाम खाना तैयार होता है. जिसमें बाजरा सहित अन्य कई चीजें बनाई जाती हैं. इसके अलावा मंदिर, गौशाला में कमी को देखते हुए अतिरिक्त टीन शेड और अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं. वहां आने वाले लोगों को गायों से जोड़ने और गायों के संबंधित जानकारी देने के लिए कई तरह की पोस्टर लगाई गईं हैं.
बीमार गाय की बाबा भवानी गिरी महाराज ने जानवरों से जान बचाई
बीमार गो माता को ,गाय बीमार अवस्था में गड्ढे में पड़ी थी, गोय को न तो पशु अस्पताल रख रहा था न नगर निगम पर बाबा भवानी गिरी महाराज को जैसे ही सूचना मिलती है वह मौके पर पहुंच कर गाय हो या सांड की जान बचाते है. ंअब तक सैंकड़ो गोवंश को बचाया गया है।,
गौ सेवा में समर्पित किया अपना जीवन बाबा भवानी गिरी महाराज ने
बाबा भवानी गिरी महाराज गौशाला सच्ची गौसेवा को समर्पित एक आदर्श गौशाला है। इस गौशाला में एक सौ पचास से अधिक गायें हैं ।दुर्घटना में घायल गायों का उपचार भी गौशाला के संचालक बाबा भवानी गिरी महाराज स्वयं करते हैं। आमतौर पर ऐसी गायों को अन्य गौशालाएं मना कर देती हैं जो दुधारु ना हों और शारीरिक रूप से चलने फिरने में असमर्थ हों। मगर बाबा भवानी गिरी महाराज गौशाला का निर्माण केवल इसी बात को ध्यान में रखते हुए किया गया है कि लाचार गायों को इसमें स्थान मिल सके।
गौशाला के संचालक एवं सरंक्षक बाबा भवानी गिरी महाराज ने बताया कि इस गौशाला की आधारशीला लगभग 2008 में रखी गई थी। आरम्भ में तो यहां पर गऊओं की संख्या कम थी। मगर जैसे-जैसे समय बीता इस गौशाला को गौसेवा भाव को देखते हुए लोगों ने ऐसी गायों को जो दुर्घटना की शिकार हो जाती थीं और चलने-फिरने में असमर्थ हो जाती थी, इस गौशाला में पहुंचना आरम्भ कर दिया।
आज यहां पर ऐसी गायों की संख्या सौ को भी पार कर चुकी है। महाराज ने बताया कि उन्हें गौसेवा की पेरणा अपने गुरु से मिली और उसी से अभिभूत होकर उन्होंने गौसेवा को अपने जीवन का आधार बना लिया। चलने-फिरने में असक्षम गायों के पैरों का ऑपरेशन करा करके वे इन्हें चलने लायक बना देते हैं। अपनी कड़ी लगन एवं मेहनत से गौशाला में गायों के लिए चारे, बाड़े, पीने के पानी की व्यवस्था से लेकर गायों की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उन्होंने इस परिसर में जुटाई हुई हैं।
महाराज के भक्ति भाव को देखकर क्षेत्र के लोगों में भी उनके पति आगाध श्रद्धा भाव है। महाराज का कहना है वे इस गौशाला को ऐसे स्थान में परिवर्तित करना चाहते हैं जहां पर आने वाले अनेकों वर्षों तक गायों की निःस्वार्थ सेवा होती रहे तथा उनके लिए चारे आदि की कोई कमी ना रहे। श्रद्धा के साथ भक्त लोग जो दान दक्षिणा दे जाते हैं उसी से इस गौशाला का कार्य चलता है। क्षेत्र के लोगों की सरकार से पुरजोर मांग है कि इस गौशाला को विशेष दर्जा प्रदान करके भरपूर आर्थिक सहयोग किया जाए ताकि असक्षम गौवंश की भी उचित देखभाल व रक्षा हो सके।
गौ सेवा और दान देने के लिए संपर्क करे
बाबा भवानी गिरी महाराज ,संतोशी गौ सेवा धाम, श्री टपकेश्वर महादेव, गढ़ी कैन्ट, देहारादून, उत्तराखंड 248003 मोब0 96270 79924