*हर रोज डेढ़ किलो चना, ड्राई फ्रूट्स खाने के साथ ही एसी में रहने वाला “सुल्तान” पहुंचा बकरा बाजार*

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दिल्ली। रोजाना डेढ़ किलोग्राम चना, एक लीटर दूध के साथ ड्राई फ्रूट्स। उम्दा खानपान से सेहतमंद बने सुल्तान के बिकने का मालिकों को इंतजार है। बकरीद के लिए जामा मस्जिद स्थित बकरा मार्केट में तोतापरी, गंगापरी, नटिया, मरमरा जैसे अलग अलग नस्ल के बकरों की खूब मांग है। विक्रेताओं और खरीदार के बीच उम्दा नस्ल और कद काठी के मुताबिक बकरे की कीमत तय होती है। कीमत की इस दौड़ में सुल्तान पांच लाख रुपये के साथ सबसे आगे हैं।
बकरा मार्केट में अपने सुल्तान पर हाथ फेरते हुए कल्लू मलिक ने बताया इसे गर्मी बर्दाश्त नहीं है। करीब दो साल की उम्र के सुल्तान की दूर से पहचान हो जाती है। अच्छे खानपान के साथ एसी में रहने की आदत है, इसलिए धूप से बचाव के लिए शेड के नीचे रखा गया है। कुछ देर के अंतराल पर उसे खाना और दूध भी दिया जा रहा है। बकौल कल्लू सभी नस्लों की अपनी खासियत है। अपने हश्र से अंजान सुल्तान को यह भी पता नहीं है कि उसकी कीमत पांच लाख रुपये है।
खुद में मशगूल रहने वाले सुल्तान के साथ टाइगर सहित अलग अलग नाम के बकरों की मार्केट पेश किया जा रहा है। खास बात यह है कि मार्केट में हर किसी के हाथ में रस्सी के साथ बंधे बकरे की कीमत 25 हजार से पांच लाख के बीच है। एक विक्रेता ने बताया कि बकरीद पर इनकी खूब मांग रहती है। इसके लिए महीनों से उन्हें अच्छा खानपान दिया जाता है ताकि अच्छी कीमत मिल सके। इन बकरों के गले में बंधे धांगे और पट्टियां ही उनकी पहचान हैं।
बकरा कारोबारी ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी कारोबार है। अपने घर पर अलग-अलग प्रजाति के बकरे पालते हैं ताकि बकरीद पर उन्हें बेचने के लिए लाया जा सके। किसी नस्ल के कान लंबे हैं तो किसी का रंग ही उसकी पहचान है।
मार्केट में मेवात, राजस्थान, मुरादाबाद सहित दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से बकरे लाए जाते हैं। विक्रेताओं का कहना है कि इस बार कीमत पिछले साल से अधिक है। जैसे-जैसे बकरीद का त्योहार नजदीक आएगा, बिक्री में बढ़ोतरी के साथ कीमत का ग्राफ और चढ़ेगा।

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