देहरादून। उत्तराखंड में सार्वजनिक परिवहन के किराया बढ़ने की खबर ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. वहीं, दूसरी तरफ परिवहन मंत्री ने किराया बढ़ने की किसी भी खबर पर अनभिज्ञता जताई है। परिवहन मंत्री ने साफ किया कि अभी केवल सिफारिश की गई है. किराया बढ़ाए जाने को लेकर शासन स्तर पर निर्णय होना बाकी है। लोग कहने लगे हैं कि क्या उत्तराखंड में अफसरशाही हावी है।
परिवहन मंत्री चंदन राम दास कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही किराया बढ़ने की जानकारीमिली। हैरानी की बात ये है कि परिवहन मंत्री ने प्रदेश में परिवहन किराया बढ़ने पर फिलहाल जो सूचनाएं आ रही हैं, उसे अप्रत्यक्ष तौर से गलत बताया. परिवहन मंत्री ने कहा स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से अभी किराया बढ़ाने के लिए सिफारिश की गई है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसके बाद इस सिफारिश पर विभागीय सचिव से लेकर मंत्रालय तक में चिंतन होगा. उसके बाद ही इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। परिवहन मंत्री ने कहा हाल ही में जिस तरह यूपी से परिवहन की परिसंपत्तियों को लेकर समाधान हुआ है. चारधाम यात्रा में परिवहन विभाग ने बेहतर रूप से राजस्व प्राप्ति की है. उसके चलते निगम की तरफ से अपने कर्मचारियों की जून तक की तनख्वाह और पुराने बकाए को भी क्लियर कर दिया गया है. उन्होंने कहा भविष्य में परिवहन को और बेहतर स्थिति में लाने की कोशिश की जाएगी. इस दौरान उन्होंने आरटीओ दिनेश पठोई को सस्पेंड किए जाने के सवाल पर कहा कि कर्मचारी बड़ा हो या छोटा है, यदि कोई गलती करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि, उत्तराखंड में पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों के किराए में 15 से 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है. राज्य परिवहन प्राधिकरण एसटीए ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं. वहीं, एसटीए की नई दरों के अलावा उत्तराखंड परिवहन निगम ने यात्रियों से बसों के सर्विसेज के रूप में 20 प्रतिशत सरचार्ज के हिसाब से किराया बढ़ा दिया है. हैरानी ये है कि मंत्री को इस बात का पता नहीं है।






