नई दिल्ली/मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि राउत (60) को दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट में ईडी के मंडल कार्यालय में छह घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने दावा किया कि राउत को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत रविवार देर रात 12 बजकर पांच मिनट पर हिरासत में लिया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत को मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत मांगेगी. जांच एजेंसी का एक दल रविवार को मुंबई के भांडुप इलाके में राउत के आवास पहुंचा, जहां उन्होंने तलाशी ली, राउत से पूछताछ की और शाम तक उन्हें एजेंसी के स्थानीय कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने का समन दिया।
दूसरी ओर, राउत ने दावा किया कि उन्हें ‘फर्जी सबूत’ के आधार पर फंसाया जा रहा है, लेकिन वह न तो झुकेंगे, न ही पार्टी छोड़ेंगे. राउत ने ईडी कार्यालय के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘वे (ईडी) मुझे गिरफ्तार करने जा रहे हैं. मुझे गिरफ्तार किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘झुकेगा नहीं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य शिवसेना और महाराष्ट्र को कमजोर करना है और उनके खिलाफ एक ‘झूठा’ मामला तैयार किया
गया है।
ईडी की कार्रवाई तड़के शुरू होने के बाद राउत ने ट्वीट किया कि वह मर जाएंगे, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और शिवसेना को कभी नहीं छोड़ेंगे. ईडी के अधिकारी रविवार सुबह सात बजे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ राउत के ‘मैत्री’ बंगले पर पहुंचे और तलाशी शुरू की. यह कार्रवाई ईडी द्वारा राउत के खिलाफ जारी दो समन के बाद की गई है. सबसे नया समन 27 जुलाई को जारी किया गया था.
राउत को मुंबई के पात्रा चॉल भूमि के पुनर्विकास घोटाले और उनकी पत्नी एवं अन्य ‘सहयोगियों’ की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था. राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एक जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे. इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए।