उत्तराखंड में जीएसटी सर्वे का विरोध: व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने दी बाजार बंद करने की धमकी

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देहरादून। राज्यकर विभाग की ओर से बाजारों में जीएसटी सर्वे के खिलाफ व्यापारी लामबंद हो गए हैं। उन्होंने जीएसटी सर्वे नहीं रुकने पर राज्यभर में बड़े स्तर पर आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इस दौरान बाजार बंदी की चेतावनी भी दी गई।
राजधानी में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल की सलाहकार समिति और जिलाध्यक्ष एवं महामंत्रियों की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि जीएसटी विभाग की ओर लगातार सर्वे किए जा रहे हैं। व्यापारियों पर इसका गलत असर पड़ रहा है। इन दिनों दहशत का माहौल है। व्यापारियों ने विभिन्न जिलों में पुतले फूंककर इसका विरोध किया, जिसके क्रम में यह बैठक बुलाई गई। मांग उठाई कि जीएसटी सर्वे या जीएसटी अफसरों के बाजार में जाने का संगठन विरोध करता है और इसे तुरंत बंद किया जाए। सर्वे या छापे के नाम पर अफसर बाजार में न आएं। व्यापारी संगठित हैं और सरकार के साथ खड़े होना चाहते हैं, टैक्स देना चाहते हैं, लेकिन सर्वे-छापे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस बारे में सीएम और वित्त मंत्री के सामने भी पक्ष रखा जाएगा।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि व्यापार के तरीके बदल गए हैं। अब बड़े-बड़े उद्योगपति बाजार में आ गए हैं और शॉपिंग मॉल खुल गए हैं। लोगों का खरीदारी का स्वभाव बदल गया है। ऑनलाइन व्यापार हो रहा है। बहुत कम अंतराल में व्यापारियों ने टैक्स के कई तरीके देखे हैं। व्यापारी भी सरकार को टैक्स देना चाहता है। बशर्ते सरकार व्यापारियों के साथ बैठने की व्यवस्था करे। व्यापारियों के लिए कल्याण कोष बने। पहले की तरह व्यापार मित्र की व्यवस्था हो। अफसरों और व्यापारियों के बीच समन्वय का वातावरण हो। हर बाजार, शहर और जिले में व्यापारी मंडल हैं। पहले महीने या तीन महीने में बैठक होती थी। पर, अब अफसरों ने इसे बंद कर दिया है। कल्याण कोष लागू नहीं होने दिया। इस पर भी ध्यान दिया जाए।
व्यापार प्रतिनिधिमंडल के चेयरमैन प्रमोद ने कहा सर्वे नहीं रुकते हैं तो जीएसटी के दफ्तरों और अफसरों का घेराव किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो बाजार बंदी से भी व्यापारी पीछे नहीं हटेंगे। हमारी प्राथमिकता है कि सरकार इस मुद्दे पर संवेदनशील हो। व्यापारियों को सुनने का प्रयास करे। अफसरों और व्यापारियों के बीच संवाद कायम हो। जो व्यापारी सही काम कर रहे हैं, वे भी इस सर्वे से दहशत में आ जाते हैं। ग्राहक भाग जाते हैं। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।


प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा बोले, जीएसटी सर्वे के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। राज्यभर के व्यापारी इससे नाराज हैं। दून उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि इस मुद्दे पर चरणबद्ध ढंग से आंदोलन किया जाएगा। अगर सुनवाई नहीं हुई तो बाजार बंद भी करना पड़े तो व्यापारी पीछे नहीं हटेंगे। व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी रिटर्न में देरी हो जाए तो जुर्माना, ब्याज और विलम्ब शुल्क लिया जाता है। भूलवश गलत भरने पर संशोधन का प्रावधान नहीं है। सरकार इस पर भी ध्यान दे। जीएसटी की खामियां दूर की जाएं।
व्यापारियों ने कहा, भय का माहौल बनाने की बजाय प्रोत्साहित करने की दिशा में काम होना चाहिए। इसके लिए कैंप लगाए जाएं। जीएसटी के नए रजिस्ट्रेशन कराएं। जो व्यापारी पंजीकृत हैं, उनके पीछे नहीं पड़ें। टैक्स भी वही दें और सर्वे भी झेलें। ऐसे में व्यापारी रजिस्ट्रेशन से बचना चाहते हैं। नए रजिर्स्ट्रेशन को लेकर व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में बताया जाए। टैक्स बढ़ाने के लिए व्यापारियों पर दबाव नहीं बनाएं। व्यापारियों संग टैक्स कलेक्शन की योजना बने, यह कैसे और बेहतर हो सकता है, उस पर चर्चा की जाए।
इस दौरान संरक्षक बाबू लाल गुप्ता (हल्द्वानी), प्रदेश महामंत्री प्रकाश मिश्रा (चमोली), मुख्य चुनाव अधिकारी प्रमोद गोयल, कार्यकारी अध्यक्ष देहरादून सिद्धार्थ अग्रवाल, सुभाष कोहली, राकेश डिमरी, प्रमोद गोयल, सुनील मैसोन, ओम प्रकाश अरोड़ा, दिनेश डोभाल, संजय गर्ग, अब्दुल अतीक, निर्मल हंसपाल, अशोक छाबड़ा, अश्वनी छावड़ा, सुरेश बिष्ट, बासुदेव कंडारी, अंकुर खन्ना, नरेश अग्रवाल, सुरेश गुलाटी, कृष्ण कुमार सिंघल, संजीव नैयर, दिलप्रीत सेठी और कर्म सिंह समेत कई व्यापारियों ने आवाज बुलंद की।

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