नई दिल्ली। क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए मोटा मुनाफा कमा रहे समूह अब ईडी की रडार पर हैं। ईडी ने तीन अगस्त को पीएलएलए के तहत मैसर्ज जनामी लैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक, जो कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ‘वजीरेक्स’ का संचालन करता है, उसके यहां पर छापेमारी की है। जांच पड़ताल के बाद कंपनी के 64.67 करोड़ रुपये के बैलेंस वाले बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। इस कंपनी पर चीन से भारी मात्रा में फंड लेने का आरोप है। वजीरेक्स क्लाउड आधारित सॉफ़्टवेयर के जरिए संचालित होता है। इसमें कार्यरत सभी कर्मचारी घर से काम करते हैं। इसका पंजीकृत कार्यालय ऐसा है कि वहां पर केवल दो कुर्सियां रखने की जगह है।
ईडी द्वारा भारतीय एनबीएफसी कंपनियों और उनके फिनटेक भागीदारों के खिलाफ आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने, टेली-कॉलर्स की मदद से व्यक्तिगत डाटा का दुरुपयोग करने व ऋण लेने वालों से उच्च ब्याज दर वसूलना, मामले की जांच की जा रही है। इतना ही नहीं, कंपनी द्वारा उच्च ब्याज दर पर लोन की रकम वसूलने के लिए ग्राहकों से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस धंधे में लगी ज्यादातर कंपनियां चीनी फंडों द्वारा समर्थित हैं। जब इन फिनटेक कंपनियों को उधार कारोबार करने के लिए आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस नहीं मिल सका तो इन्होंने बंद हो चुकी एनबीएफसी के साथ एमओयू का रास्ता तैयार अख्तियार किया। यह सब कारोबार शुरू करने के लिए किया गया।
ईडी की आपराधिक जांच में सामने आया है कि कई सारे फिनटेक एप ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। इसके बाद उन्होंने एनबीएफसी के साथ एमओयू करने का तरीका इस्तेमाल कर भारी मुनाफा कमा लिया। फंड ट्रेल की जांच में पता चला है कि फिनटेक कंपनियों द्वारा इस लाभ का इस्तेमाल क्रिप्टो संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। यहां से कमाए गए पैसे को विदेशों में चलाया गया। यानी अवैध धन को वैध करने का काम शुरू किया गया। इन कंपनियों और इनकी आभासी संपत्ति का फिलहाल पता नहीं चल सका है। क्रिप्टो-एक्सचेंज को समन जारी किया गया है। इसमें यह देखा गया है कि अधिकतम धनराशि वजीरेक्स एक्सचेंज को दी गई थी। इस प्रकार खरीदी गई क्रिप्टो-परिसंपत्तियों को अज्ञात विदेशी वॉलेट में भेज दिया गया था।
जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, जो कि वजीरेक्स क्रिप्टो एक्सचेंज की स्वामित्व वाली कंपनी है। इसने क्रिप्टो एक्सचेंज के स्वामित्व को अस्पष्ट करने के लिए क्राउडफायर इंक, यूएसए, बिनेंस (केमैन आइलैंड्स), जेट्टी पीटीई लिमिटेड सिंगापुर के साथ समझौता कर एक वेब बनाया है। इससे पहले, उनके प्रबंध निदेशक निश्चल शेट्टी ने दावा किया था कि वजीरेक्स एक भारतीय एक्सचेंज है, जो सभी क्रिप्टो और इन-क्रिप्टो लेनदेन को नियंत्रित करता है। बिनेंस के साथ उसका एक आईपी और तरजीही समझौता है। अब, जानमाई का दावा है कि वे केवल इन-क्रिप्टो लेनदेन में शामिल हैं। अन्य सभी लेनदेन बिनेंस द्वारा वजीरेक्स पर किए जाते हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, वे भारतीय नियामक एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए विरोधाभासी और अस्पष्ट जवाब दे रहे हैं।