देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा घपले में करीब एक तिहाई युवाओं के लीक पेपर से पास होने के संकेत मिले हैं। इसमें करीब सवा सौ युवाओं की पूरी कुंडली एसटीएफ खंगाल चुकी है। जबकि, बाकी चयनितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। लीक पेपर से पास हुए करीब 280 छात्रों का चयन खारिज कराने के साथ इन्हें अब मुकदमे में आरोपी बनाया जाएगा।
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि युवाओं से 12 से 15 लाख रुपये में पेपर उपलब्ध कराने की डील की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, 280 से ज्यादा युवाओं तक लीक पेपर के प्रश्न पहुंचे। 200 के करीब युवाओं ने सीधे तौर पर पास होने की डील कर पेपर खरीदा। जबकि, कुछ छात्रों ने अपने करीबियों को 30-35 तक प्रश्न बताए। संभावना है कि भर्ती घपले में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ। एसटीएफ सौ चयनित युवाओं समेत 150 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि लीक पेपर से चयनित अभ्यर्थी आरोपी बनाए जाएंगे। इनकी सूची तैयार की जा रही है।
चयन आयोग को तकनीकी सेवा और पेपर प्रिंटिंग की सुविधा देने वाली आरएमएस टेक्नोलॉजी कंपनी के संचालक को एसटीएफ ने मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि कंपनी संचालक प्रिंटिंग प्रेस की डीबीआर लेकर आया था। हालांकि, इसमें पिछले 15 दिन का रिकॉर्ड होता है। ऐसे में इससे ज्यादा मदद नहीं मिली। प्रिंटिंग प्रेस संचालक ने घर में पूजा का कार्यक्रम बताया और वह एसटीएफ कार्यालय में कुछ समय रुकने के बाद चला गया। उसे जल्द दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
लीक पेपर के जरिए एक महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य का भी चयन हुआ है। इसके बारे में एसटीएफ ने अहम जानकारी जुटा ली है। महिला प्रतिनिधि को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। माना जा रहा कि इसके बाद गिरफ्तारी की जा सकती है। एसटीएफ इस मामले में उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह और कई सरकारी कर्मचारियों समेत 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।