ऑनलाइन केंद्रों में तो 50 रुपए में बन रहे हैं कोविड वैक्सीनेशन के फर्जी सर्टिफिकेट

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हरिद्वार। हरिद्वार के  रोशनाबाद के दो ऑनलाइन केंद्रों पर कोविड वैक्सीनेशन लगाए बिना फर्जी सर्टिफिकेट बनाए जाने का मामला सामने आया है। एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर दो ऑनलाइन केंद्रों को सीज कर दिया है। छापेमारी के दौरान दोनों ऑनलाइन केंद्रों पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाते हुए दो आरोपियों को भी पकड़ा गया है। आरोपियों के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
रोशनाबाद में फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बनाए जाने की सूचना पर एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा, जिला क्षय रोग अधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने दो ऑनलाइन केंद्रों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोपराइटर सोनू शर्मा, शर्मा मनी ट्रांसफर एंड ऑनलाइन केंद्र पर लाभार्थी सिकंदर को बिना टीकाकरण के फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करते हुए पाया गया। इसी के सामने सलमान के ऑनलाइन केंद्र पर पुनीत शर्मा टिंकू नाम के व्यक्ति को फर्जी सर्टिफिकेट जारी करते हुए पकड़ा गया। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि दोनों आरोपियों को पकड़ कर ऑनलाइन केंद्रों को सीज कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ सिडकुल थाने में फर्जी अभिलेख तैयार करने और आपदा प्रबंधन ऐक्ट कोविड-19 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रोशनाबाद के इन दोनों केंद्र पर बिना टीकाकरण के फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने की सूचना डीएम को फोन पर उपलब्ध हुई थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एसडीएम को मामले की जांच करते हुए छापेमारी करने का निर्देश दिया था। जिसे लेकर एसडीएम पूरण सिंह राणा और उप राजस्व निरीक्षण सहित चिकित्सा विभाग की टीम ने छापेमारी कर इस मामले का पर्दाफाश किया।
फर्जी वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट 50 रुपये में बना कर दिया जाता था। सिडकुल में काम करने वाले कर्मचारी और हवाई यात्रा करने वाले लोग इसे अधिक बनवाते थे।
छापेमारी के बाद प्रारंभिक जानकारी प्रशासन के हाथ लगी है। मालूम हुआ है कि पिछले कई महीनों से आरोपी इस धंधे को कर रहे थे। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के 2 कर्मचारी सीएमओ के आदेश पर केंद्र पर गए थे जहां उन्होंने 50 रुपये दिए और तत्काल वैक्सीन सर्टिफिकेट उनके हाथ में बनाकर युवकों ने दे दिया। सीएमओ ने प्रशासन को तत्काल इसकी सूचना दी और एसडीएम मौके पर पहुंच गए छापेमारी के बाद पूरे मामले का पता चल सका। अब तक कई हजार फर्जी वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। अब पूरे जिले में ऑनलाइन केंद्रों की जांच की जाएगी।

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