देहरादून। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक कल सात सितंबर से शुरू हो रही 3600 किलोमीटर की यात्रा के मद्देनजर उत्तराखंड कांग्रेस से भी बहुत से नेता कन्याकुमारी पहुंचे हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा का आरंभ कल दोपहर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी के नेतृत्व में होगा। जिसमें प्रतिभाग करने के लिए उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नैनीताल के पूर्व विधायक संजीव आर्य, केदारनाथ से पूर्व विधायक मनोज रावत कपकोट के पूर्व विधायक ललित फरस्वान ,महिला प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ,महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ,अनुपम शर्मा, वैभव वालिया, इशिता सेढ़ा, मोहित उनियाल शर्मा, राजपाल बिष्ट,अंकित शाह,कमलेश गढ़िया, जतिन सिंह इत्यादि कन्याकुमारी पहुंच चुके हैं।
दसोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि देश की परिस्थितियों के मद्देनजर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदयपुर में आहूत नव चिंतन शिविर के समय पर ही यह सामूहिक निर्णय ले लिया गया था कि भारत जोड़ो यात्रा आज के समय की मांग है।
दसोनी ने कहा ‘‘भारत जोडों यात्रा’’ तीन प्रमुख समस्याओं पर केन्द्रित है। इनमें पहली आर्थिक असमानताएं हैं, दूसरी सामाजिक भेदभाव है और तीसरी राजनीतिक तौर पर जरूरत से अधिक केन्द्रीकरण हैं। इन तीन प्रमुख समस्याओं के खिलाफ सभी भारतीयों को एकजुट करने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।
दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा के चार मुख्य उद्देश्य हैं। पहला- सभी भारतीयों के बीच एकता कायम करना जो महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान में प्रतिबिंबित मूल्यों में विश्वास रखते हैं। दूसरा, आर्थिक विषमताओं, सामाजिक विभाजन और अत्यधिक राजनीतिक केंद्रीकरण से बुरी तरह प्रभावित करोड़ों भारतीयों की आवाज़ उठाना। तीसरा, वर्तमान स्थिति के संदर्भ में लोगों के साथ मुद्दों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा करना। चौथा, अनेकता में एकता और सर्वधर्म समभाव के सिद्धांतों के अनुरूप देश को मजबूत करना। सामाजिक समरसता की मजबूती के मद्देनजर यह भारत जोड़ो यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत जोड़ो यात्रा की एक साथ शुरुआत के लिए 7 सितंबर को शाम 5 बजे राज्यों की राजधानियों, जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में कार्यक्रम किए जाएंगे। 8 सितंबर को राज्यों की राजधानियों और अन्य प्रमुख शहरों से पदयात्राएं निकाली जाएंगी।