हल्द्वानी। स्वराज हिन्द फौज ने कहा है कि राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारी आज भी चिन्हित होने से रह गये हैं , उनका चिहीकरण तत्काल किया जाना चाहिए साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10 फीसदी क्षेतिज आरक्षण दिया जाना चाहिए।
स्वराज हिन्द फौज के संस्थापक एवं केन्द्रीय अध्यक्ष सुशील भट्ट की अध्यक्षता में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस तिकोनिया के प्रांगण में राज्य आंदोलनकारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। केंद्रीय अध्यक्ष सुशील भट्ट ने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारी आज भी चिन्हित होने से रह गये हैं , उनका चिहीकरण तत्काल किया जाना चाहिए साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया जाना चाहिए। आंदोलनकारियों की पेंशन कम से कम 10 हजार रुपये प्रतिमाह हो और राज्य के प्रत्येक तहसील/ब्लॉक में राज्य आंदोलनकारियों के नाम से कम से कम एक पार्क होना चाहिए, जिसमें सभी आंदोलनकारियों के नाम के शिलापट हों ताकि आज की नई पीढ़ी राज्य निर्माण के नायकों को पहचान सके। इन सभी माँगों को लेकर स्वराज हिन्द फौज चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगा ।
सुशील भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में जनसंख्या पर आधारित परिसीमन के मामलों की विसंगतियों पर सरकार को संवेदनशील होना चाहिए । उन्होंने कहा कि जनसंख्या पर आधारित परिसीमन होने के कारण पहाड़ से 2012 में पांच सीटें कम हो गयी थी। वहीं अगर 2026 में परिसीमन जनसंख्या के आधार पर हुआ तो पहाड़ की सीटें और कम हो जायेगी जो कि राज्य की मूल अवधारणा के खिलाफ होगा । सत्तासीनों द्वारा पिछले 22 वर्षों से उत्तराखंड के आम जन मानस को लगातार छला जाता रहा है , जिस कारण राज्य बचाने के लिये आज फिर से एक बड़े जन आंदोलन की आवश्यकता है ।
सुशील भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिये जाने का फैसला स्वागत योग्य कदम है लेकिन ये फैसला केवल कागजों तक सीमित नहीं रहना चाहिए । आज यदि राज्य सरकार उत्तराखंड के स्नातक बेरोजगारों को न्यूनतम 5000 रुपए प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दे दे तो यह राज्य गठन की मूल अवधारणा को साबित करने वाला फैसला हो सकता है।
सुशील भट्ट ने कहा कि उनके संगठन “स्वराज हिन्द फौज” द्वारा यूकेडी, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी समेत अन्य क्षेत्रीय संगठनों को राज्य हित मे एक मंच पर लाने के लिए प्रयास शुरू हो गये हैं जिसके लिए जल्द ही तीसरे मोर्चे की बैठक की जायेगी , उन्होंने तीसरी शक्तियों में शुमार ताकतों से आने वालेे चुनावों और राज्य के हितों को देखते हुए एक मंच पर आने की अपील भी की है।
कार्यक्रम नें उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि आज बेरोजगारी व महंगाई देश का सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन इन मुद्दों पर आज कोई भी बात करने को तैयार नहीं है साथ ही आम आदमी से राशन का अधिकार भी छीना जा रहा है जो कि इस महंगाई के दौर में आम आदमी के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमुख राज्य आंदोलनकारी नीमा भट्ट , कमल जोशी , गिरीश चन्द्र लोहनी , डॉ0 हरीश पाल आदि नें अपने विचार रखे।बैठक में मुख्य रूप से राज्य आंदोलनकारी भगवती जोशी, बच्ची देवी बोरा , भावना सती , विद्या जोशी , दीपा त्रिपाठी , फौजी सुनील भट्ट , आर्येन्द्र शर्मा , लक्ष्मण गैड़ा , वीरेंद्र बर्गली , बी0 सी0 तिवारी समेत कई लोग उपस्थित थे।