युगपुरूष महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरि जी महाराज के पावन आश्रम श्री परमानन्द आश्रम में आज माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड, तीरथ सिंह रावत के साथ संत महासंगम का आयोजन
माननीय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड तीरथ सिंह रावत को पूज्य संतों ने जन्मदिवस की शुभकामनायें, देते हुये स्वस्थ एवं दीर्घायुष्य का आशीर्वाद दिया
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने मुख्यमंत्री को सभी पूज्य संतों की ओर से आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा और श्वेत अंगवस्त्र भेंट किया
मठों और मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखने, लव जिहाद, ओटीपी पर चलने वाले अनियंत्रित धारावाहिक एवं टीवी शो द्वारा जनसमुदाय का भ्रमित होना आदि विषयों पर हुई चर्चा
आज के दिव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द जी महाराज ने की
हरिशंकर सैनी
ऋषिकेश, 9 अप्रैल। विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के कार्यक्रम में पूरे देश के संत-महापुरूषों का महासंगम आज श्री परमानन्द आश्रम, हरिद्वार मेें हुआ। इसमें मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री तीरथ सिंह रावत जी और कई पूज्य संतों, आचार्यों- महामण्डलेश्वरों, महंतों और विश्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारियों ने सहभाग कर अपने प्रेरणादायी एवं ओजस्वी विचार व्यक्त किये।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत जी ने सुझाव दिया कि आज आप अपने जन्म दिवस के अवसर पर पूज्य संतों के श्रीचरणों में एक भेंट समर्पित करें कि उत्तराखंड में चारों धाम क्षेत्र के 51 प्रमुख मन्दिरों को श्राइन बोर्ड के अधीन किये जाने वाले फैसले पर पुनः विचार किया जाये। मुख्यमंत्री जी ने इसे तुरंत संज्ञान में लेते हुये इस पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तराखंड के प्रमुख 51 मन्दिरों को श्राइन बोर्ड के साथ नहीं जोड़ा जायेगा तथा श्राइन बोर्ड पर भी विचार किया जायेगा। साथ ही मन्दिरों के आचार्यो व पुरोहितों के हक और अधिकारों पर भी ध्यान दिया जायेगा। माननीय मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय का सभी पूज्य संतों ने स्वागत किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने माँ गंगा के घटते जलस्तर और कम होते प्रवाह पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि हम सभी को मिलकर इस पर चिंतन करने की जरूरत है ताकि हमारी गंगा हमेशा सदानीरा बनी रहे। गंगा जी को स्वच्छ, सदानीरा और प्रदूषण मुक्त रखने के लिये सरकारी प्रयासों के साथ सभी के समन्वित प्रयासों की जरूरत है।
स्वामी परमात्मानन्द जी, (आचार्य सभा के महापुरूष) ने मठों और मन्दिरों की समस्याओं से माननीय मुख्यमंत्री जी एवं अन्य सभी अवगत कराया। उन्होंने तमिलनाडु, आंधप्रदेश और अन्य स्थानों के मन्दिरों का उदाहरण देते हुये कहा कि मठों और मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखा जाना चाहिये। सभी पूज्य संतों ने इस बात का पुरजोर समर्थन किया।
स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने मन्दिरों, मठों, पुजारियों और आचार्यो की समस्याओं से सभी को अवगत कराया।
विश्व हिन्दू परिषद् के सभी पदाधिकारी गण जिसमें विशेष रूप से श्री आलोक कुमार जी, श्री दिनेश जी, श्री मिलिन्द परान्दे, श्री विनायक राव जी, राम जन्म भूमि तीर्थ श्रेत्र ट्रष्ट के महासचिव श्री चंपतराय जी आदि कई महापुरूषों ने समाज को जागृत करने एवं सकारात्मक दिशा देने वाले उद्बोधन दिये तथा अनेक महत्वपूर्ण सूचनायें प्रदान की।
इस अवसर पर आचार्य महामण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वर गण, अखाड़ों के सचिव गण, भारत के विभिन्न राज्यों से आये पूज्य संतगण, विश्व हिन्दू परिषद के कर्मठ कार्यकर्ता श्री अशोक तिवारी जी, श्री जीवेश्वर मिश्र जी आदि अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर अपने प्रेरणादायी एवं ओजस्वी विचार व्यक्त किये। आज का कार्यक्रम सफलतापूर्वक समपन्न हुआ। पूज्य संतों ने विश्व हिन्दू परिषद् के सभी कार्यक्रर्ता और पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।