पिथौरागढ। जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) ने बालकों के प्रति लैंगिक अपराध से संबंधित पाक्सो प्रकरण पर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर गहरा ऐतराज व्यक्त किया है। समिति की अध्यक्ष लक्ष्मी भट्ट ने धारचूला और जौलजीबी कोतवाली का निरीक्षण करने के बाद बताया कि पोक्सो अधिनियम के प्रावधान के अनुसार पोक्सो पीड़ित बालकों को 24 घंटे के भीतर समिति के समक्ष पेश करना होता है। प्रकरण की सूचना भी अनिवार्य रूप से यथाशीघ्र देनी है लेकिन पुलिस प्रशासन इस एक्ट के प्राथमिक का उल्लंघन कर रही है। ऐसे प्रकरण समिति के समक्ष बहुत कम संख्या में आ रहे हैं जोकि अत्यंत गंभीर है।
इधर डीडीहाट में बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की एक दिवसीय जागरुकता कार्यशाला में वक्ताओं ने बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को संवेदनशील रहने की अपील की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्र प्रमुख ने पुलिस, राजस्व पुलिस, चाइल्ड लाइन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों को सतर्क रहने की अपील की। बाल कल्याण समिति सदस्य जगदीश कलौनी, थानाध्यक्ष हिमांशु पंत, चिकित्साधीक्षक बलवंत मेहरा, चाइल्ड लाइन के समन्वयक लक्ष्मण सिंह, जिला प्रोवेशन अधिकारी संजय गौरव आदि ने विभिन्न विषयों पर जानकारी दी। संचालन सह विधि परिवीक्षा अधिकारी अंकुर जोशी ने किया।
कनालीछीना के अभिलाषा एकेडमी में बाल कल्याण समिति सदस्य जगदीश कलौनी ने बच्चों को बाल अधिकार, पाक्सो अधिनियम, गुड टच बैड टच, मोबाइल रेडिएशन के बढते खतरों पर विस्तृत जानकारी दी। एकेडमी के निदेशक डॉक्टर किशोर पंत ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से चलाने पर जोर दिया।