अल्मोड़ा। अल्मोड़ा पुलिस ने जिले के स्यालदे राजस्व क्षेत्र में गत माह हुए एक ब्लांइड मर्डर के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने का खुलासा कर रही है। इस पर पुलिस की ओर से बीस हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था।
एसएसपी प्रदीप कुमार राय के अनुसार पकड़े गए हत्यारोपी ने शुरूआती पूछताछ में यूपी के एक पशु खरीददार की हत्या की बात कबूल कर ली है। उसका दूसरा साथी पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है।
जानकारी के अनुसार 6 दिसंबर 2022 को मुरादाबाद के भोजपुर थानाक्षेत्र के भोजपुर निवासी मो. कफील ने अपने मामा 40 वर्षीय अजिबुर्रहमान की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। अजिबुर्रहमान पिछले 20 वर्षों से ग्राम भाकुड़ा तहसील स्याल्दे में किराये पर रहकर पशु व्यापार का कार्य करता था। वह 6 दिसंबर दोपहर एक बजे के बाद से लापता था।उसका मोबाइल बंद था और मोटरसाईकिल भी गायब थी। जिस पर राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र उदयपुर तहसील स्याल्दे में मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद 9 दिसंबर को शाम 06.30 बजे साय स्थान ग्राम मल्ला भाकुड़ा, तोक जड़पानी, तहसील स्याल्दे में उपरोक्त गुमशुदा अजिबुर्रहमान का शव, चश्मा, बाईक की चाबी व एटीएम कार्ड जड़पानी गधेरे के एक गुफा से बरामद होने पर मामले में धारा 302/201 भादवि की बढ़ोतरी की गयी।
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए केस को 10 दिसंबर को राजस्व पुलिस से रेग्लूलर पुलिस को सौंपा गया।
हत्या के इस जघन्य अपराध को तत्काल गंभीरता से लेते हुए एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने थानाध्यक्ष सल्ट अजेन्द्र प्रसाद को विवेचक नियुक्त कर सीओ रानीखेत टीआरवर्मा,विवेचक,एसओजी प्रभारी सुनील धानिक व एएनटीएफ प्रभारी सौरभ भारती को शीघ्र अभियोग का सफल अनावरण कर हत्यारोपियों की गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया।
काफी मेहनत के बाद पुलिस के सामने इस हत्याकांड को लेकर दो नाम आए पहला था चनोली गांव निवासी 25 वर्षीय सुनील सिंह बिष्ट का और दूसरा नाम था जड़पानी गांव निवासी विरेन्द्र का। पुलिस ने सुनील बिष्ट को 13 दिसंबर को गिरफ्तार कर उसकी निशादेही पर मृतक की मोटर साइकिल यूपी 21यू 5017 को खालीगाँव के एक गधेरे में बने कलमठ से बरामद कर ली।
इसके बाद घटना के मुख्य हत्यारोपी विरेन्द्र कुमार की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए गए, लेकिन वह बार बार पुलिस से बचता फिर रहा था। एसएसपी ने उस पर 15 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित कर दिया। पुलिस, एसओजी, एएनटीएफ टीम साईबर सेल की सहायता से लगातार उसकी लोकेशन के बारे में जानकारियां जुटा रही थीं। आखिर मंगलवार को पुलिस ने विरेंद्र को मोहान के पास से दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त निशादेही पर हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार फरसा व मृतक के कपड़े बरामद भी हो गए हैं।
घटना के सम्बन्ध में विवेचक, थानाध्यक्ष अजेन्द्र प्रसाद ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पेंटर का कार्य करता है। काम नही मिलने से अपने जरुरतें पूरी करने के लिए गांव के लोगों से उधार पैसे लेते रहा जिस कारण पिछले 8-10 महीनों में मेरे ऊपर लोगों का काफी कर्जा हो चुका था, घर चलाने व कर्ज उतारने के लिए वह लगातार परेशान था। यह बात उसने अपने दोस्त सुनील सिंह बिष्ट को बताकर मौके पर बुलाया और उससे कहा कि वह अजीबुर्ररहमान को जानता है जो गाँवों से भैस खरीदने का काम करता है उसके पास मोटी रकम रहती है, अजीबुर्ररहमान को उसने भैस दिलाने व अपने कमीशन की बात कहकर बुलाया और उससे कहा कि तिमलखान गाँव में एक भैस है, वहा चलना है।
तीनों तिमलखान की ओर गधेरे से होते हुए जा रहे थे, अजीबुर्र रहमान आगे-आगे चल रहा था, मौका देखकर विरेंद्र ने अपने बैग से धारदार फरसा निकालकर अजीबुर्ररहमान के गले पर जोर से वार किया और वह नीचे गिर गया। फिर सुनील और विरेंद्र नीचे कूदे और सुनील ने अजिबुर्रहमान को पकड़ा विरेंद्र ने 6-7 बार फरसे से उसके गले,मुंह, जबड़े व हाथ पर वार किये, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
इसके बाद अजिबुर्रहमान की पैंट की जेब को चैक करने पर उसमें से 90 हजार रुपये कैश मिला, जिसे सुनील और विरेंद्र ने आपस में बाँट लिया और अजिबुर्रहमान की लाश को रस्सियों से बाधकर नीचे झाड़ियों में पत्थरों से ढंककर छिपा दिया था।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सल्ट अजेद्र प्रसाद, कांस्टेबल मो. मंसूर, मनमोहन सिंह एसओजी, भूपेंद्र सिंह एसओजी, बलवंत प्रसाद- साईबर सेल व इन्द्र कुमार शामिल थे।