रामगढ़ उद्यान विभाग की भूमि सिडकुल को देने का विरोध,यशपाल आर्य समेत कांग्रेसी बैठे धरने पर

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नैनीताल। रामगढ़ में उद्यान विभाग की 4.4 एकड़ भूमि औद्योगिक विकास विभाग को निशुल्क हस्तांतरित करने के खिलाफ ग्रामीणों, व्यापारियों, किसानों द्वारा आंदोलन एवं अनिश्चितकालीन अनशन प्रदर्शन चल रहा है। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने रामगढ़ राजकीय उद्यान पार्क की जमीन को सिडकुल को दिए जाने पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की आंख कहे जाने वाले रामगढ़ राजकीय उद्यान की जमीन को सिडकुल जैसी कंपनियों के हाथों में दिया जाना सरकार का गलत निर्णय है. इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार को वापस लेना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा की रामगढ़ की उद्यान विभाग की जिस भूमि को फल पट्टी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है उसी भूमि को सिडकुल को निशुल्क हस्तांतरित करना सरकार और शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। रामगढ़ में बाहरी उद्योगपतियों को लाकर होटल खोलने की योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
यशपाल आर्य ने कहा की उत्तराखंड का निर्माण हिमाचल की तर्ज पर विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन सरकार भूमि व संसाधनों को बेचने का काम कर रही हैं. यहां भौगोलिक क्षेत्र होने से पर्यटक हमेशा आता है, सरकार फ्रुट प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कार्य करे. सरकार इस क्षेत्र को भी जोशीमठ व केदारनाथ बनाने की तैयारी कर रही है. उद्यान की 4.4 एकड़ जमीन जनता को छलकर हस्तांतरित कर दी।
यहां आयोजित धरने व अनशन के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने धरना भी दिया। धरने पर हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश, कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा नैनीताल जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी समेत सैकड़ों लोग धरने पर बैठे।
तल्ला रामगढ़ ब्लाक मुख्यालय रामगढ़ में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित ह्रदयेश के नेतृत्व में पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। उद्यान विभाग की 4.4 एकड़ भूमि निःशुल्क दान दी गई है।
इस दौरान पूर्व पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश नैनवाल, पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, विधायक सुमित ह्रदयेश, ब्लॉक अध्यक्ष गणेश आर्या, गोपाल बिष्ट, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, पुष्कर नयाल, मनोज शर्मा, बी आर आर्या, खीमराज सिंह, भुवन दरमवाल, देवेंद्र मेर, सुरेश जोशी आदि ग्रामीण रहे।

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