विश्वविद्यालय पशु चिकित्सकों, फार्मासिस्ट, पशुपालक एवं पशु सेवको के लिए रोजगार परक कोर्स तैयार करने की योजना बना रहा है- कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी

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हरिद्वार-उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के संयुक्त तत्वावधान में विशाल पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद के अंतरराष्ट्रीय आयुरवेट कॉन्क्लेव 2023 के समापन सत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पतंजलि योगपीठ के परमाध्यक्ष बाबा रामदेव, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख ई राघवन, कुलपति प्रो सुनील जोशी, दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के उप मंत्री डॉ हेमेंद्र यादव द्वारा सर्वप्रथम धन्वंतरी पूजन एवं गौवंदना के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद, महर्षि चरक ऋषि, कर्म और मर्म की भूमि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से ही योग और आयुर्वेद की पताका पूरे विश्व में फैल रही है। केंद्र और प्रदेश की सरकार आयुष और आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं अपितु जीवन शैली है। यह मात्र बिमारियों का इलाज नहीं करती अपितु आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं। बाबा रामदेव ने कहा गाय के दूध के महत्व एवं पंचगव्य चिकित्सकीय गुणों का विस्तृत संदर्भ दिए , तथा बताया कि सारी दुनिया में सबसे ज्यादा गाय का दूध पिया जाता है गाय का दूध में होता है या इम्यूनिटी को बढ़ाता है एवं हमारे संस्थान में गोमूत्र अर्क एवं आयुर्वेद की औषधियों के योग के द्वारा कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक किया है, आयुर्वेद के विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा आयुर्वेद के छात्र सिर्फ चिकित्सा के छात्र नहीं बल्कि आचार्य चरक, आचार्य सुश्रुत जैसे महान ऋषियों की परंपरा के संवाहक है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर जैसी भयावह बीमारियों का इलाज एलोपैथ में नहीं है लेकिन आयुर्वेद में इन सभी रोगों का सफल इलाज है यह हमारे लिए गर्व की बात है इसके लिए आयुर्वेद के छात्र गर्व का अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के सभी छात्रों को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। ई राघवन ने कहा कि गाय का इलाज वनस्पतियों से तथा वनस्पतियों की बीमारी का इलाज पंचायत के माध्यम से किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा जंगल जी पालता है और जीप जंगल पालता है ‌ विटामिन बी 12 2017 कैदियों की कमी गाय के दूध के माध्यम से पूरी होती है अग्नि पुराण में गाय की चिकित्सकीय उपयोग की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की जिस तरह एलोपैथिक चिकित्सा में एमबीबीएस कॉलेज और वेटरनरी कॉलेज है, उसी तरह आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के लिए भी वेटरनरी के आयुष कॉलेज और पाठ्यक्रम होनी चाहिए, इस मंच के माध्यम से मैं माननीय मुख्यमंत्री से इस विषय में मांग रखता हूं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा जिस प्रकार मां गंगा निर्मल हैं उसी प्रकार गौदुग्ध भी निर्मल होता है, गाय के दूध में सबसे अधिक सल्फर पाया जाता है, जिस तरह मां गंगा अपवित्र नहीं होती है उसी तरह गौदुग्घ भी कभी अपवित्र नहीं होता है। उन्होंने कहा “वेद बिना मति नहीं व गाय बिना गति नहीं” उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय पशु चिकित्सकों, फार्मासिस्ट, पशुपालक एवं पशु सेवको के लिए रोजगार परक कोर्स तैयार करने की योजना बना रहा है और इस क्षेत्र में शोध के लिए महत्वपूर्ण योजना तैयार कर रहा है । समापन सत्र का सफल संचालन प्रो प्रेमचंद शास्त्री ने किया। कार्यक्रम के संयोजक एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के उप मंत्री डॉ हेमेंद्र यादव ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया, उन्होने आगे बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम का संचालन प्राणी मात्र के हित में आगे भी किया जाएगा। अनुराग शर्मा उच्च शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं डॉ हेमेंद्र जी उपमंत्री दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति द्वारा मुख्यमंत्री जी और बाबा रामदेव जी को दीनदयाल धाम से प्रकाशित पत्रिका अंत्योदय भी भेट की गई। इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव में तीनों दिन प्रोफेसर माधवी गोस्वामी के निर्देशन में विभिन्न विभागों की बहुत सुंदर प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसको आए हुए लोगों ने बहुत प्रशंसा की ।इस अवसर पर भेल विधायक आदेश चौहान, संघ केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत महापात्रा, गोवंश संवर्धन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री शंकरलाल, दीनदयाल धाम गौशाला समिति के मंत्री श्री हरि शंकर, डॉ विनीत अग्निहोत्री, डॉ शशिकांत शर्मा, कुलसचिव डॉ अनूप गक्खड़, परिसर निदेशक प्रो पंकज शर्मा, प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में डॉ अनुराग वत्स, उपकुलसचिव डॉ संजय गुप्ता एवं उप कुलसचिव डॉ शैलेन्द्र प्रधान , डॉ राजेश अधाना, डॉ माधवी गोस्वामी, डॉ शशिकांत तिवारी, डॉ विक्रांत यादव, डॉ यादवेंद्र यादव , डॉ सुमन मिश्रा, डॉ जी पी गर्ग, डॉ ओपी सिंह, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सहायक अधिष्ठाता डॉ नवनीत परमार, डॉ प्रियंका, डॉ अजय विश्वकर्मा, श्री संजय शर्मा, श्री पवन कुमार, श्री देशराज शर्मा, श्री हेमंत, श्री गोपाल राठी, डॉ अंकित , डॉ ज्ञान प्रकाश, प्रवीण प्रभाकर आदि प्रमुख रूप से कार्यों में सहयोग किये एवं उपस्थित रहे ।

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