सोशल मीडिया पर देश द्रोही टिप्पणी की तो नहीं बनेगा शस्त्र लाइसेंस व पास्पोटॅ

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देहरादून। सोशल मीडिया पर जाने-अनजाने में राष्ट्र विरोधी और असामाजिक टिप्पणी की तो भविष्य में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस पासपोर्ट आवेदन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय सोशल मीडिया पर भी व्यक्ति का रिकॉर्ड खंगालकर रिपोर्ट लगाएगी। सत्यता पाए जाने पर आवेदन निरस्त भी किया जा सकता है। इससे पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस ही नहीं बल्कि नौकरी में आवेदन के समय भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया अभी तक सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणी करने वालों के खिलाफ केवल आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता था। यदि कोई पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो उसके खिलाफ मुकदमों की जानकारी दी जाती थी। लेकिन, अब यह भी देखा जाएगा कि उसकी सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियां रहती थीं। यदि राष्ट्र विरोधी रहीं तो उसके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट लगाकर आवेदन रद्द कराने की संस्तुति की जा सकती है।
इसके अलावा डीजीपी ने बताया कि पुलिस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधिकारियों को बहुत से दिशा-निर्देश दिए गए। इनमें एक अहम है वह यह कि अभी तक केवल थाना प्रभारियों के कार्यों की सीधी समीक्षा पुलिस कप्तान द्वारा की जाती थी। लेकिन, अब उन्हें चौकी प्रभारियों के कामों पर भी निगाह रखनी होगी। ताकि, यह देखा जा सके कि कहीं पीड़ित किसी दशा में परेशान तो नहीं है। क्योंकि, सबसे पहले पीड़ित निकटतम चौकी में ही जाता है। वहां पर उसे निराशा हाथ लगती है तो उसका भरोसा उठ जाता है।

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