ऋषिकेश। फर्जी दस्तावेज तैयार कर यूपी के मूल निवासी एक शख्स ने उत्तराखंड में ऋषिकेश का वासी बताकर पासपोर्ट हासिल कर लिया। यही नहीं, खुद पर दर्ज अपराधिक मामले को भी छुपाया। हैरानी की बात यह है कि पासपोर्ट जारी होने के बाद खुफिया विभाग को अब इसका पता चला। मामले में उपनिरीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जालसाजी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक उपनिरीक्षक विपिन गुसाईं ने तहरीर दी। बताया कि साल 2022 के जुलाई माह में प्रदीप कुमार देवरा निवासी मोहल्ला रहीसान हल्दौर, बिजनौर, यूपी का पासपोर्ट आवेदन पत्र सत्यापन को ऋषिकेश के एलआईयू कार्यालय को मिला। सत्यापन में प्रदीप ने यह बताया कि उसपर कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है। जांच में पता चला कि उसपर रानीपुर कोतवाली में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत था, जोकि न्यायालय में अभी विचाराधीन है। यह भी पता चला कि प्रदीप ने आईडीपीएल के आवासीय कॉलोनी में रहने वाली एक वृद्ध महिला से किराया अनुबंध बनाया। जबकि, महिला को यह अधिकार नहीं था। आवंटित आवास भी आईपीपीएल कंपनी काफी पहले ही निरस्त कर चुकी थी। उपनिरीक्षक ने बताया कि ऋषिकेश गांव का निवास प्रमाण-पत्र भी पंचायत से लिया, लेकिन आईडीपीएल क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत था ही नहीं। आरोप है कि प्रदीप ने यूपी का मूल निवासी होने के बावजूद न सिर्फ पहचान छुपाकर उत्तराखंड राज्य का स्थायी निवासियों की सुविधाएं हासिल की, बल्कि कूटरचित किराया अनुबंध पत्र तैयार कर उससे पासपोर्ट प्राप्त कर लिया। उपनिरीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी प्रदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रभारी निरीक्षक खुशी राम पांडे ने बताया कि केस की जांच चल रही है।