देहरादून। देहरादून के क्लेमनटाउन थाना क्षेत्र में 13 जून को घर में मृत पाए गए दंपति की हत्या की गई थी। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड को मृतक महिला के भाई ने ही अंजाम दिया। वह जीजा से रंजिश रखता था और बहन के घर नन्हे मेहमान के आगमन के दो दिन बाद उसने बहन और जीजा दोनों की हत्या कर दी थी। दोनों शवों के बीच नवजात तीन दिन तक पड़ा रहा। आरोपी ने मौके पर बच्चे को यह समझकर छोड़ दिया था कि वह खुद मर जाएगा।
डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने इस घटनाक्रम का खुलासा किया। उन्होंने बताया, काशिफ निवासी नांगल सहारनपुर यूपी अपनी दूसरी पत्नी अनम के साथ टर्नर रोड पर किराये पर रहता था। उसने 11 माह पहले अनम के साथ भागकर शादी की थी। काशिफ अपनी पहली पत्नी के संपर्क में भी रहता था। 10 जून को उसने पहली पत्नी का फोन नहीं उठाया। महिला उसे तलाशते हुए दून पहुंची तो 13 जून को कमरे के अगले दरवाजे पर ताला लटका हुआ था और पिछला दरवाजा अंदर से बंद था। बदबू आ रही थी। पुलिस पिछले दरवाजे की जाली काटकर अंदर दाखिल हुई तो वहां काशिफ और अनम के सड़े-गले शव पड़े थे। दोनों के बीच उनका पांच दिन का बेटा लेटा हुआ था। शुरुआत में पुलिस ने इसे आत्महत्या माना। पहली पत्नी ने भी बताया था कि काशिफ ने 10 जून की रात करीब 11 बजे उससे बात की थी और कहा था कि वह घर आ रहा है। उसे किसी के पांच लाख रुपये चुकाने थे।
शवों के पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ था। इस केस में मोड़ तब आया, जब काशिफ के पिता ने अनम के भाई शाहबाज पर हत्या का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो यह पता चला कि शाहबाज हत्या के दिन यानी 10 जून की रात कॉलोनी आया था। इसके बाद 11 और 12 जून की रात एक कार भी घर के बाहर आकर रुकी थी। इसके बारे में पता किया तो यह अवशद निवासी सहारनपुर की पाई गई। अवशद ने बताया कि शाहबाज उसकी गाड़ी लेकर गया था। वहां से सुबह चार बजे ही वापस आ गया। शक होने पर पुलिस ने शाहबाज से पूछताछ की तो अपने खिलाफ सारे सुबूत देखकर शाहबाज पिघल गया।
पुलिस जांच के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि काशिफ ने ही शाहबाज को उत्तरकाशी चलने के लिए अपने घर बुलाया था। वहां काशिफ ने मैगी बनाई और तीनों खाने के बाद सो गए। लेकिन, शाहबाज जगा था। उसने रात के वक्त किचन से चाकू उठाया और काशिफ का सोते हुए गला रेत दिया। जब अनम की आंख खुली तो उसने शोर मचाने का प्रयास किया। लेकिन, शाहबाज ने गला दबाकर उसकी भी हत्या कर दी और रात में वहां से चला गया।
इस बीच माता-पिता की लाशों के बीच मिला नवजात स्वस्थ हो गया है। दून अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज किया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव झा के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी एवं पुलिस की देखरेख में बच्चे को उनके दादा को सौंपा गया। पुलिस के अनुसार, नवजात को मृतक व्यक्ति के परिजन शुक्रवार को अपने साथ ले गए। पुलिस टीम में एसओ क्लेमनटाउन शिशुपाल राणा, एसएसआई दुर्गेश कोठियाल, आशारोड़ी चौकी इंचार्ज विनय शर्मा, सिपाही भूपेंद्र और रवि के साथ एसओजी टीम के इंचार्ज मुकेश त्यागी, एसआई हर्ष, सिपाही किरन, ललित, विपिन, पंकज भी थे।
पुलिस ने बताया कि मृतक काशिफ और आरोपी शाहबाज दोनों एक ही गांव से हैं और पूर्व में आपस में दोस्त थे। कुछ वर्ष पहले शाहबाज मौसी की लड़की को भगा ले गया था। इस प्रकरण में वह और उसका बड़ा भाई शादाब जेल चला गया। शाहबाज ने पुलिस को बताया कि उनकी गैरहाजिरी में काशिफ उनके घर आने-जाने लगा और उसकी बहन अनम को प्रेमजाल में फंसा लिया। अनम के नाम पर तीन बीघा पुश्तैनी जमीन थी, जो काशिफ ने कोर्ट मैरिज के बाद गिरवी रख दी थी। सब कुछ हाथ से जाते देख आरोपी शहवाज ने जीजा को ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी। वह मौके की तलाश में था।