देहरादून। उत्तराखंड पुलिस ने दो राष्ट्रीय घोटालों- बीमा धोखाधड़ी और फर्जी हेलीकॉप्टर वेबसाइट घोटाला का पर्दाफाश किया है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड टीम ने एक राष्ट्रीय बीमा घोटाले का पर्दाफाश किया है जोकि पिछले छह-सात वर्षों से गाजियाबाद, नोएडा से चल रहा था।
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पिछले महीने दिल्ली से एक मास्टरमाइंड अजीत राठी को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली एनसीआर से पिछले छह-सात साल से ऑल इंडिया इंश्योरेंस धोखाधड़ी चला रहा था।
बताया कि बीमा धोखाधड़ी
में 42 लाख गंवाने वाले एक वरिष्ठ नागरिक (82 वर्षीय) ने एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद हुई कार्रवाई में 06 मोबाइल, 06 सिम कार्ड, 47000 रुपये नकद, 02 अलग-अलग पीड़ित विवरण के साथ रजिस्टर बरामद हुए। गैंग लीडर 07 मोबाइल नंबर और 12 अलग-अलग आइएमईआइ का इस्तेमाल कर रहा था।
लगभग 1400 शिकायतें और 72 एफआइआर (तेलंगाना – 32, यूपी -13, तमिलनाडु-7, दिल्ली – 5, हरियाणा 4 और 24 अन्य राज्यों / यूटी में एफआइआर दर्ज हुई थी।
गैंग पूरे भारत में बीमा पॉलिसी इमी, प्रीमियम, मनी रिकवरी आदि के नाम पर लोगों को ठगने में शामिल है।
टीम जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। साइबर क्राइम थाना देहरादून (एसटीएफ) ने इस साल नवादा/नालंदा (बिहार) से 03 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
आइ4सी (एमएचए) के समर्थन से एसटीएफ द्वारा 41 वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है। साइबर पीएस के पुलिस एसआइ आशीष गुसाईं ने एफआइआर दर्ज कराई थी। तीन आरोपितों की गिरफ्तारी से पहले 30 अलग-अलग शिकायतों का तकनीकी विश्लेषण किया गया।
रिकवरी: 15 मोबाइल, 09 सिम कार्ड, 09 एटीएम, 01 पीओएस/एटीएम मशीन, 06 आधार (गिरफ्तार किए गए निरज के पास 04 आधार कार्ड), 03 पासबुक, 01 टैबलेट है। नीरज कुमार का आपराधिक इतिहास है जहां 2021 में वह जेल (जयपुर) गए थे।
प्रारंभिक जांच में लगभग 6100 शिकायतें और 280 एफआइआर (उत्तराखंड-05, यूपी-56, तेलंगाना-112, दिल्ली-18, गुजरात-11, तमिलनाडु-15, हरियाणा-09, बिहार-08, कर्नाटक-08, महाराष्ट्र-07 और अन्य सभी भारत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में एफआइआर) की जांच की गई। गैंग अलग-अलग साइबर अपराधों में शामिल है। फर्जी वेबसाइट, फर्जी लोन साइट, फर्जी फाइनेंस कंपनियां, सेक्सटोर्शन आदि।