देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार को सख्त चेतावनी दी है। परिषद की ऑनलाइन बैठक में प्रदेश में सख्त लॉकडाउन लगाने की पैरवी की गई।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार को सख्त चेतावनी दी है। साथ ही कहा गया कि यदि सरकार ने सरकारी कार्यालयों को बंद नहीं किया तो हम ही कार्यालयों में एंट्री बंद कर देंगे। परिषद के प्रांतीय कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि कोरोना को लेकर आज परिषद की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में परिषद के प्रांतीय, मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ संबद्ध घटक संघों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप एवं गोल्डन कार्ड को लेकर आ रही समस्याओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
चर्चा के दौरान परिषद ने कम से कम 15 दिन तक के लिए कार्यालय बंद करने की की मांग की। सरकार से कहा गया कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए ये अत्यंत आवश्यक है। कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्यालय में उपस्थित हो रहे हैं। ऐसे में सख्त लॉकडाउन लगाकर कार्यालयों को भी बंद किया जाए। बैठक में चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने 15 दिन का कार्यालय बंदी का निर्णय नहीं किया, तो परिषद को बाध्य होकर अपने सदस्यों को कार्यालय जाने पर रोक लगाने के लिए निर्देशित करने का निर्णय लेना पड़ेगा। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और शासन की होगी।
बैठक में प्रदेश के समस्त कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पुनः या मांग दोहराई गई कि कोराना की मार झेल रहे प्रदेश के कार्मिकों को बचाने के लिए तत्काल कार्यालय कम से कम 15 दिन के लिए बंद किए जाए। क्योंकि परिषद के पास संपूर्ण प्रदेश से कार्मिकों के संक्रमित होने एवं कतिपय कार्मिकों के आकस्मिक निधन की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। जिससे प्रदेशभर में कार्मिकों में अत्यधिक रोष व्याप्त है।
बैठक में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि गोल्डन कार्ड का कोई भी लाभ प्रदेश के कार्मिकों व पेंशन धारकों को प्राप्त नहीं हो रहा है। यहां तक की वह अस्पताल भी इलाज करने से मना कर दे रहे हैं। जिन की सूची राज्य स्वास्थ्य अभिकरण से जारी की गई है। ऐसी स्थिति में मांग की गई कि यदि गोल्डन कार्ड की व्यवस्था कार्मिक संगठनों के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सुधारी नहीं गई तो परिषद के प्रांतीय पदाधिकारी 15 दिन के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के मुख्यालय पर 1 घंटे का सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही सदस्यों को गोल्डन कार्ड सरकार को वापस करने का निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा।
समस्त सदस्य गोल्डन कार्ड की की जा रही कटौती पर रोक लगाने के लिए भी अपने अपने विभाग अध्यक्ष को पत्र प्रेषित करेंगे। बैठक में यह भी मांग की गई कि राज्य के उन कार्मिकों को 50 लाख के बीमे का कवर प्रदान किया जाए, जो कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। वर्तमान में तमाम सारे विभागों में आवश्यक सेवा के कारण कार्मिकों को अपनी सेवा पर उपस्थित होकर कार्य करना पड़ रहा है। एवं उनमें से बड़ी संख्या में कार्मिक संक्रमित होकर उससे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे कार्मिकों को कोविड-19 के संबंध में समस्त आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाए।
बैठक में राज्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीका लगाए जाने की भी मांग की गई। जिससे कि भविष्य में यदि किसी प्रकार की संक्रमण की संभावना बनती है तो कार्मिक निसंकोच होकर अपनी सेवा कर सकें। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री को यह सुझाव दिया गया की प्रत्येक जनपद स्तर पर ऑक्सीजन बैंक की स्थापना की जाए। जनपद मंडल व प्रदेश स्तर पर कर्मचारी नेताओं के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के समूह बनाए जाए, जो कि इस बात की देखरेख करें कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का परिपालन जमीनी स्तर पर पूर्ण रूप से किया जा रहा है कि नहीं। साथ ही यह भी मांग की गई कि माननीय मुख्यमंत्री एवं जनपदों के लिए नियुक्त माननीय प्रभारी मंत्रियों के साथ ही शासन के अधिकारी चिकित्सालयों का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविकता का संज्ञान लें। ताकि आवश्यकतानुसार सुधार की व्यवस्था करा सकें।
बैठक पंचायती राज विभाग के सदस्यों ने अवगत कराया गया कि सचिव पंचायती राज द्वारा उन्हें वेतन कटौती के लिए बाध्य किया जा रहा है। जिसका राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने संज्ञान लेते हुए विरोध करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शीघ्र ही माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्यसचिव को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया जाएगा। सचिव पंचायती राज से मिलकर उन्हें विरोध पत्र प्रेषित किया जाएगा। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, पी के शर्मा, अरुण पांडे, एसपी भट्ट, कुंवर सामंत, हर्ष मोहन सिंह नेगी बहादुर सिंह बिष्ट, मोहन जोशी, गिरजेश कांडपाल, तनवीर अहमद, बाबू खान, बरखूराम मौर्या, जगमोहन नेगी, गुड्डी मटूरा ,आर पी जोशी, सोवन सिंह रावत, डॉ विनीता सिंह ,एस एस अधिकारी, हरीश नौटियाल, चमन अस्वाल, रविंद्र कुमार, डॉक्टर रौतेला अहमद, ओमवीर सिंह, इंद्र मोहन कोठारी, अंजू बडोला, रेनू लांबा आदि कर्मचारी नेताओं द्वारा प्रतिभा किया गया।