देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने जमीनी विवाद के चलते चाचा की हत्या कर फरार चल रहे ईनामी हत्या आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल की शातिर ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी में “अर्द्ध शतकीय पारी” पूरी हो गई। बताया कि 14 साल पूर्व घटना करने के दिन से ही फरार ईनामी हत्यारे की उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा फरीदाबाद, हरियाणा से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक वर्ष 2009 से जनपद नैनीताल के थाना लालकुआ से विगत 14 वर्ष से फरार 1,00,000 रुपए के ईनामी हत्या के आरोपी प्रकाश पंत की हरियाणा से गिरफ्तार किया। हत्या करने के बाद फरार होने पर प्रकाश से ओम प्रकाश बनकर रह रहा था हत्यारा । हत्यारे द्वारा अपनी रिश्तेदारी व जान-पहचान में अपनी नेपाल में रहने की अफवाह फैलाकर अब तक पुलिस की नजरो से बचने की तरकीब निकाली थी।
उल्लेखनीय है कि शातिर व इनामी अपराधियों की शतप्रतिशत गिरफ्तारी हेतु पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के “ऑपरेशन प्रहार”* के तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के में अब तक “50 शातिर व खतरनाक इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की जा चुकी है। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड द्वारा ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु की गई कार्यवाही के फलस्वरूप आज बल्लभगढ़ हरियाणा से जनपद नैनीताल के थाना लालकुंआ में पंजीकृत मुकदमें 149/2009 धारा 302 भा ० द०वि० बनाम प्रकाश पंत को गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त प्रकाश पंत पुत्र केशव दत्त पंत द्वारा 10.12.2009 को जमीन के बटवारे को लेकर अपने चाचा दुर्गा दत्त पंत की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद वह फरार हो गया था। तभी से लगातार फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी हेतु तत्समय नैनीताल पुलिस द्वारा काफी प्रयास किये गये थे परन्तु प्रकाश पंत भारत के स्थान दिल्ली, हरियाणा, बेंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि अपनी पहचान छिपा कर व अपना नाम ओमप्रकाश रख कर रह रहा था तथा वह वैल्डिंग के काम में दक्ष होने के कारण उसे अपनी जीविका चलाने में दिक्कत नहीं हो रही थी और उसे आसानी से काम मिल जाता था। वह समय-समय पर अपने छिपने का स्थान बदलकर वैल्डिंग की दुकानो / फैक्ट्री में काम कर रहा था। घटना के सम्बन्ध में अभियुक्त प्रकाश पंत ने बताया कि मैं पहले से फरीदाबाद में काम वेल्डिंग फैब्रिकेशन फीटर का काम करता था जहाँ चम्पावत में पैतृत्क जमीन थीं और मेरे चाचा जो कि विन्दुखाता लालकुंआ, नैनीताल में रहते थे। उक्त जमीन के बंटवारों को लेकर मेरे पिता व मेरे चाचा दुर्गा दत्त पंत के मध्य विवाद चल रहा था, 10.12.2009 को में उस दिन दिल्ली से अपने चाचा के पास बिन्दुखाता जमीन के सम्बन्ध में बात करने आया और अपने चाचा को खूब समझाया परन्तु वह नहीं माने तो मैंने गुस्से में आकर तंमधे से उनको गोली मार दी, उसके बाद में वहाँ से फरार हो गया तथा हरियाणा, बंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि स्थानो पर रह रहा था। वर्ष 2016 में मैने उन्नाव, उ0प्र0 की रहने वाले एक परिवार की लडकी पूजा से शादी कर ली और में बल्लभगढ़ हरियाणा में मशीन के समान की वेल्डींग की दुकान खोल ली। विगत 07 साल से वहीं रह रहा था। वहाँ मुझे सब ओम प्रकाश के नाम से जानते थे। वर्तमान में मेरे 07 वर्ष 04 वर्ष व 02 वर्ष के तीन बेटे है मैने अपना घर जीवन नगर गोची. बल्लभगढ, फरीदाबाद हरियाणा में मैने एक अपना घर भी बना लिया था। मैने अपनी रिश्तेदारी और पुराने रहने की जगह में सभी को यह अफवाह फैला दी थी कि मै अब नेपाल में रह रहा हूँ। अब कभी भारत वापस नही आउँगा जिससे कि पुलिस का ध्यान मेरे से हट जाये मेरी इस तरकीब से यह प्रभाव पड़ा कि सभी लोग मुझे नेपाल में रहना समझ कर मेरी खोजबीन नहीं कर रहे थे। उपरोक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी में हेड कांस्टेबल अर्जुन रावत एंव कांस्टेबल अनिल कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। एसटीएफ टीम में निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा,उपनिरीक्षक उमेश कुमार, अपर उपनिरीक्षक हितेश कुमार,
हेड कांस्टेबल अनूप भाटी,
चमन कुमार,कैलाश नयाल अर्जुन रावत, अनिल कुमार शामिल थे।