हल्द्वानी। उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने उत्तराखंड प्रदेश में कोविड महामारी के समय स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर चिंता जताई है। सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर कोविड नियमों का पालन करते हुए अपने आवास में एकदिवसीय धरना दिया। साथ ही कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे डॉक्टर, नर्स, पुलिस कर्मी एवम विभागों के कर्मचारियों का एक करोड़ रुपये का बीमा करने की मांग उठाई।
यूकेडी केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने राज्य सरकार के लचर रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के अंदर कोविड महामारी के कारण सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है और निजी अस्पतालों की मनमानी और खुलेआम लूट चल रही है। ब्लैक फंगस नामक नई बीमारी महामारी का रूप ले रही है। इसके बाद भी राज्य सरकार के पास कोरोना और ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर कोई भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। श्री उनियाल ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मानकों के हिसाब से 5 मरीज़ों पर एक नर्स होनी चाहिए। उत्तराखंड में हर 50 मरीजों की देखभाल के एक नर्स उपलब्ध है, जो कि स्वास्थ्य सेवा की बदहाल व्यस्था को उजागर करती है। मांग उठाई कि कोरोना से लड़ने वाले प्रथम पंक्ति के डॉक्टर नर्स स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग, पुलिस, पत्रकार ,नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत एवम अन्य विभागों से जुड़े लोग तथा कई सामाजिक संगठन जो कोरोना काल में प्रथम पंक्ति में कोरोना वारियर्स के रूप में मदद कर रहे हैं, सभी का सरकार कम से कम एक करोड़ रुपए का बीमा करवाए, वहीं कोरोना बीमारी से जिनकी भी मृत्यु हुई है उनके परिजनों को सरकार तत्काल राहत राशि के रूप में दो-दो लाख का मुआवजा दे और उक्त बीमारी की वजह से जो भी बच्चे अनाथ हुए हैं उनके पढ़ाई, लालन पोषण का सारा खर्चा सरकार उठाये और गरीबों को मुफ्त राशन बाटें तथा जो भी लोग बेरोजगार हुए हैं उनकी आर्थिक सहायता की जाय। साथ ही श्री उनियाल ने सरकार एवम प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों तथा विधायकों से अनुरोध किया कि वे अपने एक माह का वेतन आम लोंगो को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकारी कोष में दान कर दे और आम जनता से अपील की सभी आमजन कोरोना नियमों का पूर्णतः पालन करे ताकि कोरोना बीमारी समाप्त हो सके।