पिथौरागढ़। जिलाधिकारी आनन्द स्वरूप ने कहा है कि मानसून काल के दौरान भारी वर्षा, नदियों का जल स्तर बढ़ने आदि की संभावना को देखते हुए आम लोगों को सचेत करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए सभी थाना स्तर पर 5 किमी रैंज के इलैक्ट्रिक साईरन स्थापित किए जाए। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक, को ऐसे सभी पुलिस थानों जिनमें साईरन की उपयोगिता है, तत्काल उनके प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों के किनारे स्थिति ग्रामों में भारी वर्षा से जल स्तर बढ़ने से आसन्न खतरे के दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्र के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थल पर जाने हेतु सचेत करने के लिए पी.ए. सिस्टम की भी व्यवस्था की जाए।, इसके लिए सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र के सभी नदियों के किनारे स्थित ऐसे सभी ग्रामों को चिंहित करें जहाँ पर नदियों का जल स्तर बढ़ने से खतरा बना रहता है। उन गांवों से कम से कम दो व्यक्तियों को संबंधित राजस्व उप निरीक्षक की सूचना पर स्थापित किए जाने वाले पी.ए. सिस्टम के माध्यम से चेतावनी को उद्घोषित करने हेतु तैयार करा लें। इन गांवों में मंदिर तथा अन्य सार्वजनिक स्थल पर यदि लाउड स्पीकर आदि लगे हैं, तो ऐसे ग्रामों में मात्र चेतावनी प्रसारित करने हेतु लोगों का चयन किया जाए, ताकि अतिरिक्त पी.ए. सिस्टम क्रय करने की आवश्यकता न रहे। इस दौरान शिफ्ट होने वाले ग्रामीणों एवं उनके मवेशियों हेतु सुरक्षित स्थल की व्यवस्था की जानी भी अत्यन्त आवश्यक है। आपदा के दौरान सूचनाओं के आदान-प्रदान, मौसम चेतावनी एवं तत्कालिक प्रतिक्रिया किए जाने हेतु पब्लिक एड्रेस सिस्टम को प्रभावी रखा जाय। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 05 लोगों की आपदा निगरानी समिति बनागको कहा। ग्राम प्रधान, जन प्रतिनिधि एवं ग्राम पंचायत के अन्य सक्रिय व्यक्तियों को सम्मिलित करते हुए संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा तत्काल गठित कर टीम में नामित सदस्यों के नाम/पते एवं संपर्क नम्बर की सूचना संबंधित उप जिलाधिकारी तथा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, पिथौरागढ़ को सूचित किया जाए, गठित टीमों को आपदा संबंधी उनके स्वैच्छिक कार्यदायित्व के अतिरिक्त तहसील आपदा नियंत्रण कक्षों तथा जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र पिथौरागढ़ को मजबूत किया जाए।
डीएम ने तहसील स्तर पर आपदा नियंत्रण संबंधी कार्यों का प्रभावी ढ़ंग से निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा है। आपदा के दौरान दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था बाधित होने पर बी.एस.एन.एल. टावरों से कनेक्टीविटी उपलब्ध न रहने से आपदा संबंधी सूचनाओं के आदान -प्रदान तत्परता से नहीं हो पाता है तथा आम जनता द्वारा भी इस संबंध में शिकायत की जाती है, इस हेतु उन्होंने मण्डलीय अभियन्ता, दूरसंचार पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि, आपदा के समय विद्युत व्यवस्था बाधित रहने पर टावर संचालन हेतु जरनेटर इत्यादि की वैकल्पिक व्यवस्था विभागीय स्तर सुनिश्चित कराई जाय। इस हेतु उन्होंने कहा कि संबंधित सभी उप जिलाधिकारी उक्त क्रम में प्रभावी निगरानी रखेंगे। जिलाधिकारी ने तहसील धारचूला एवं मुनस्यारी के संचार अनाच्छादित ग्रामों में पूर्व में एस.डी.आर.एफ. के माध्यम से उपलब्ध कराये गये सभी सैटेलाईट फोनों को सक्रिय स्थिति में रखने हेतु भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं। मानसून सत्र के दौरान विद्युत व्यवस्था अधिक समय तक बाधित न रहे इसके लिए अधिशासी अभियंता विद्युत को भी सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए।