डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड: पूर्व आईएएस समेत पांच के खिलाफ मुकदमा, एक आरोपी ने फेसबुक पोस्ट कर ली हत्या की जिम्मेदारी

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रुद्रपुर। नानकमत्ता के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को नामजद किया है। इसमें एक पूर्व आईएएस का नाम भी शामिल है। इधर इस मामले में एक फेसबुक पोस्ट से भी सनसनी मची है। जिसमें नामजद एक अभियुक्त ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या करने की जिम्मेदारी ली है।

28 मार्च को दो अज्ञात बाइक सवार लोगों ने डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में दोनों हत्यारों के घटना से पहले नानकमत्ता में ही रूके होने की पुष्टि हुई थी। मामले में चारुबेटा खटीमा निवासी जसवीर सिंह ने पुलिस को तहरीर सौंपी। तहरीर में आरोप था कि 28 मार्च को डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह परिसर में बाहर कुर्सी पर बैठे थे। तभी बाइक सवार दो लोग पहुंचे उन्होंने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों ने सेवादार जसपाल सिंह पर भी फायर किया।
घटनास्थल पर मौजूद अन्य सेवादारों ने हमलावरों को गोली चलाते और हमला कर भागते हुए देखा। दोनों हमलावर 19 मार्च से गुरुद्वारा परिसर में भाई मरदाना यात्री निवास के कमरे में ठहरे हुए थे। दोनों हमलावरों को डेरा कारसेवा में दो दिन पहले घूमते देखा था। जिसमें से एक आरोपित का नाम सरबजीत सिंह निवासी ग्राम मियांविड जिला तरनतारन (पंजाब) कमरे में मिली आइडी से तस्दीक हुआ है।
हत्याकांड में नामजद सरबजीत सिंह मियांविंड ने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाल कर बाबा तरसेम सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
पोस्ट में लिखा है….
वाहेगुरुजी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह। आज उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर के गुरुद्वारा नानकमता साहिब के मुख्य सेवादार तरसेम सिंह मस्सा रांगड़ की हत्या हुई हैं। जो मैंने सरबजीत सिंह मियांविंड ने की हैं। क्योंकि तरसेम सिंह ने गुरुद्वारा नानकमता साहिब के अंदर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के स्वागत में लड़कियों से नृत्य करावाया। जिससे सिखों की भावनाएं आहत हुईं, जिसके बाद कई सिखों ने इसका विरोध किया। गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए, गुरु की निंदा सुनै ना काना।” सीस भेट करे संगी कृपाण ” को मानते हुए इसकी हत्या कर दी। वाहेगुरु सिख कौम को सदैव उन्नति पर रखें।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर सर्वजीत सिंह निवासी ग्राम मियाविंड जिला तरन तारण पंजाब, और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा निवासी ग्राम सिहोरा बिलासपुर यूपी को मुख्य आरोपी बनाया है। इसके अलावा संदेह के आधार पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के प्रधान और पूर्व आईएएस हरबंस सिंह चुघ, तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू निवासी खेमपुर गदरपुर और गुरुद्वारा श्री हर गोविंद सिंह, रतनपुरा नवाबगंज के मुख्य जत्थेदार बाबा अनूप सिह को भी आरोपी बनाया गया है।

अभी तक कि पुलिस जांच में सामने आया है कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या करने वाले बदमाश
19 मार्च से गुरुद्वारा परिसर में भाई मरदाना यात्री निवास के कमरे में रुके थे। जब दोनों हत्यारे यहां पहुंचे तो उनके पास कोई वाहन नहीं था। न ही किसी तरह का हथियार। ऐसे में सवाल उठता है कि हत्यारों को बाइक और असलहा किसने उपलब्ध कराया। क्या हत्यारों को लोकल से ही सारी व्यवस्था मिली।
पुलिस को तहरीर सौंपने वाले जसवीर ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे। इस कारण तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधु निवासी खेमपुर गदरपुर, गुरुद्वारा प्रबधंक कमेटी के पदाधिकारी व अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। पांच दिन पूर्व बिलहरा थाना अमरिया निवासी फतेहजीत सिंह खालसा ने फेसबुक पर एक पोस्ट प्रसारित की थी। ऐसे में उस पर भी डेरा प्रमुख की हत्या में शामिल होने का संदेह है।
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में यूपी में हुए एक मर्डर की कड़ी जुड़े होने का अंदेशा भी पुलिस जता रही है। दरसल कुछ साल पहले यूपी के बिलासपुर में एक मर्डर हुआ था। बाबा तरसेम सिंह की हत्या में नामजद एक आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा भी ग्राम सिहोरा बिलासपुर का है। सूत्रों के अनुसार इस मर्डर में बिट्टा का भी हाथ था। फिलहाल पुलिस कई एंगल से जांच में जुटी है।
उत्तराखंड में खासकर उधमसिंह नगर में हुई बड़ी आपराधिक घटनाओं में कई मामले ऐसे सामने आए जिसमें हत्यारे नेपाल भाग गए। नानकमत्ता भी नेपाल बॉर्डर से अधिक दूर नहीं है। ऐसे में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्यारे नेपाल के रास्ते विदेश भी भाग सकते हैं। पुलिस नेपाल बॉर्डर पर भी चेकिंग कर रही है।

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