वनाग्नि से धधक रहे हैं उत्तराखंड के जंगल: लैंसडौन में छावनी क्षेत्र के जंगल में सेना ने संभाला मोर्चा

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देहरादून। उत्तराखंड में लैंसडौन कोटद्वार के दुगड्डा व जयहरीखाल के सिविल जंगल बुधवार को भी धधकते रहे। देर रात तक वन विभाग की टीम इन क्षेत्रों में फैली आग को काबू करने के लिए मशक्कत करती रही। जयहरीखाल के सिविल जंगलों की आग अब लैंसडौन में छावनी क्षेत्र के जंगल तक पहुंच गई है। जिसकी जानकारी लगते ही सेना के जवानों ने भी आग बुझाने के लिए मोर्चा संभाला।

काफी हद तक आग पर नियंत्रण पा लिया गया, लेकिन तेज हवा और भीषण गर्मी के कारण दूसरे क्षेत्राें में जंगल धधकने का सिलसिला जारी है। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन की जयहरीखाल रेंज के क्षेत्राधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि सिविल क्षेत्र की आग भीषण गर्मी और तेज हवा चलने से चारों ओर फैल रही है।
फरसूला बीट के जदला के जंगल भी बुधवार तड़के तीन बजे धधकने लगे थे। सूचना मिलने पर उनकी टीम के 12 लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और कई घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 11 बजे आग पर काबू पा लिया। आग की चपेट में लैंसडौन वन प्रभाग का फरसूला बीट का आरक्षित क्षेत्र भी आया है। लैंसडौन रेंज के वनकर्मियों ने इस आग पर भी काबू पा लिया। आग बुझाने के लिए दोनों रेंज के 22 कर्मी लगे रहे।
उधर, जयहरीखाल के जदला और आसपास के सिविल वन की आग तेज हवा के साथ लैंसडौन छावनी क्षेत्र तक फैल गई। पूरा इलाका भीषण आग की चपेट में आ गया। दोपहर 12 बजे सेना सेना के जवान भी आग बुझाने में जुट गए। उन्होंने कई घंटों की मशक्कत के बाद रिकॉर्ड ऑफिस के सामने वाले छावनी क्षेत्र के जंगल की आग को बुझा लिया।
वहीं टिप इन टॉप वन क्षेत्र में लगी आग को छावनी के वनकर्मियों ने बुझाया। छावनी के वन दरोगा बीरबल सिंह ने बताया कि जदला गांव के सिविल क्षेत्र से होते हुए आग छावनी क्षेत्र तक पहुंची है। आग के कारण सैन्य क्षेत्र में घनी धुंध छा गई। धुंध के कारण इस क्षेत्र में आवाजाही भी बाधित हुई। छावनी विभाग के सूत्रों के अनुसार 1 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है।

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