फ्रंट लाइन: संघर्षशील महिलाओं की कहानियों का संग्रह है फ्रंट लाइन

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हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी नैनीताल में रचनाकार ललिता कापड़ी द्वारा देश भर की संघर्षशील महिलाओं की कहानियों को लेकर प्रकाशित पुस्तक फ्रंट लाइन ( सपने व संघर्ष ) का विमोचन व महिला अध्यन केन्द्र का उद्घाटन समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि प्रो. ओम प्रकाश नेगी (कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी नैनीताल) व विशिष्ट अतिथि : डॉ. गजेंद्र सिंह ‘बटोही’ (प्रकाशक अविचल प्रकाशन), नीमा बिष्ट (समाजसेविका अध्यक्ष जयशारदा समिति), श्रीमती शांति जीना (प्रबंधक लिटिल फ्लावर स्कूल) थी। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. रेनू प्रकाश (डायरेक्टर स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड एजुकेशन) के साथ कार्यक्रम संयोजक : डॉ. पी.डी. पंत (डायरेक्टर स्कूल ऑफ साइंस) भी मंचासीन थे ।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. नीरजा सिंह (एच.ओ.डी. सोशल वर्क) रही ।
मंच संचालन डॉ. गुंजन जोशी (संगीतज्ञ) अरूणा (स्नातक विद्यार्थी) व पुस्तक समीक्षा डॉ. शशि जोशी (वरिष्ठ लेखिका) डॉ. दीपा गोबाड़ी (वरिष्ठ लेखिका) ने की ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री नेगी ने साहित्यकार ललिता कापड़ी की खुले दिल से प्रशंसा करते हुए महिलाओं के लिए उनके प्रयासों पर खुशी जताई। कुलपति द्वारा फ्रंटलाइन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह किताब महिलाओं को सशक्त होने के लिए प्रेरित करेगी। प्रकाशक गजेंद्र बटोही ने ललिता कापड़ी की फ्रंटलाइन पुस्तक को साक्षात्कार विधा का एक नया प्रयोग बताया है। साथ ही साथ यह भी कहा कि आने वाले समय में इस लेखन की समीक्षा अवश्य की जाएगी और यह पुस्तक समाज का एक स्तंभ साबित होगी। मुख्य वक्ता नीरज सिंह ने खुशी जताते हुए यह कहा कि महिलाएं केवल एमएसडब्ल्यू की डिग्री नहीं ले रही है बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य भी कर रही है। वरिष्ठ साहित्यकार शशि जोशी ने किताब की समीक्षा करते हुए कहा यह पुस्तक संघर्ष की स्याही से लिखी हुई दास्तान है। पुस्तक विमोचन समारोह के इस उपलक्ष पर फ्रंट लाइन पुस्तक के कुछ सितारे नीमा बिष्ट, कांता शाह, दीपा पुनेरा, शांति जीना, पूनम शर्मा, मंजूषा साह, रमा बिष्ट, गंगा जोशी, सुमन पांडे, सावित्री दुग्ताल, कनक चंद, रूक्मणी बिष्ट, पार्वती किरोला आदि विमोचन समारोह में उपस्थित रहे जिन्हें ललिता कापड़ी व मुख्य अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह व शाल देकर सम्मानित किया गया।

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