पातालगंगा भूस्खलन जोन में भारी भूस्खलन: धूल के गुब्बार के साथ पत्थरों की बरसात

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गोपेश्वर। आज पातालगंगा भूस्खलन जोन में भारी भूस्खलन हुआ है। इस दौरान धूल का गुब्बार के साथ पत्थरों की बरसात से पूरा क्षेत्र सहम गया। भूस्खलन से हाइवे पर बनी हाफ आरसीसी टनल को भी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल प्रशासन ने टनल के बाहर से वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थाई सड़क बनाई जा रही है। हालांंकि यहां पर पैदल आवाजाही सुचारू कर दी गई है।

पालातगंगा भूस्खलन जोन कोई नया नहीं है। दो दशक से भी अधिक समय से यहां पर भूस्खलन होता रहा है। वर्ष 2021 में इस भूस्खलन जोन के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए हाफ आरसीसी टनल बनाई गई थी। इस टनल से यातायात सुरक्षित भी संचालित हो रहा था। हालांकि भूस्खलन के दौरान पत्थर मिट़्टी टनल के उपर से ही खाई में गिरती रही थी। परंतु टनल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
बुधवार को दोपहर 12 बजे लगभग साफ मौसम में पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरकने लगा, जो उंचाई से आने के चलते पालालगंगा में धूल कां गुब्बार फैल गया। इस दौरान लंगसी गांव के ग्रामीणों ने पहाड़ी को दरकता देख हल्ला मचाकर हाइवे पर आवाजाही कर रहे लोगों को सुरक्षित रोका।
बताया गया कि चट्टान गिरने से टनल का बदरीनाथ की ओर वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। टनल के मूंह पर मलबा भर गया है। जिससे टनल के अंदर से वाहनों की आवाजाही फिलहाल सुरक्षित नहीं है। प्रशासन ने टनल के बाहर से अस्थाई सड़क बनाई जा रही है। बताया गया कि टनल का आरसीसी स्टैक्चर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। तथा टनल में दरारें आई हैं।
फिलहाल टनल से बाहर से ही सड़क बनाकर पैदल आवाजाही सुचारू कर दी गई है। हाइवे के भी सुचारू करने के लिए मलबा हटाया जा रहा है।
लंगसी गांव के प्रत्यक्षदर्शी पूर्व प्रधान मातवर सिंह रावत का कहना है कि जब भूस्खलन हुआ तो पूरी घाटी में धूल का गुब्बार ऐसे था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था। जिससे आसपास के गांवों के लोग भी भयभीत हो गए । स्थानीय लोगों ने इसका बीडीओ भी बनाया है जो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह बेहद डरवना है।

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