नैनीताल में पयॅटन की मजबूती को नाव, घोड़ा, खच्चर, रिक्शा चालकों को भी नियमानुसार छूट जरूरी: राज्यपाल

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नैनीताल। उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने की अभी से तैयारी करनी होगी। यह तय करना होगा कि इसमें एक भी बच्चे की मौत न हो। उन्होंने नैनीताल में नयॅटन से जुड़े घोड़े, नाव, रिक्शा वालों को भी नियमानुसार छूट देने का भरोसा दिलाया।
मंगलवार को राजभवन नैनीताल में कुमाऊँ मंडल में कोरोना नियंत्रण की स्थिति पर आयुक्त, आई.जी, जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी जिलों में कोरोनो जांच, पाॅजिटिविटी रेट, रिकवरी दर, वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी ली। जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने फ्रंट लाइन वर्कर, हैल्थ वर्कर, 45 से ऊपर तथा 18 से 44 वर्ग वैक्सीनेशन की स्थिति से भी अवगत कराया। राज्यपाल ने समय पर शासन से वैक्सीन डोज की उपलब्धता के लिए मांग करने व सभी श्रेणियों में शत्-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराये जाने तथा दूसरी डोज भी समय से दिये जाने के निर्देश दिये।
आयुक्त कुमाऊँ मंडल अरविन्द सिंह ह्यांकी ने बताया कि वर्तमान में संक्रमण की दर कम है। अभी हालात चिंताजनक नहीं हैं। मंडल में कुल पाॅजिटिव केस एक लाख से अधिक दर्ज किये गये थे। मामलों में लगातार कमी आ रही है। लोग अब होम आइसोलेशन में भी ठीक हो रहे हैं। राज्यपाल ने वापस लौटे प्रवासियों की भी जानकारी ली। कमिश्नर ने बताया कि पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में प्रवासियों के लौटने की संख्या कम रही। राज्यपाल ने तीसरी लहर की तैयारियों के लिए सीएमओ तथा स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। श्रीमती मौर्य ने कहा कि तीसरी लहर में कोविड के कारण एक भी बच्चे की मौत न हो पाये ऐसी तैयारी रखें। इसके लिए हर सम्भव सहयोग शासन-प्रशासन को राजभवन की ओर से रहेगा। उन्होंने सभी जनपदों में बाल रोग विशेषज्ञ, बैड, आइसीयू, आॅक्सीजन बैड आदि की जानकारी ली। उन्होंने आॅक्सीजन के लिए स्वंय सेवी संस्थाओं, सीएसआर के माध्यम से पर्याप्त संसाधन रखने साथ ही ग्रामीण स्तर पर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किये जाने के निर्देश सीएमओ डाॅ0 भागीरथी को दिये। उन्होंने कहा कि इन कार्यकत्रियों को पल्स आॅक्सीमीटर, बुखार आदि को जांचने, मरीज को आॅक्सीजन किस प्रकार दी जाये यह प्रशिक्षण दिया जाये। मानसून काल में मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आॅक्सीजन के क्या प्रबंध रहेंगे, किस प्रकार निर्बाध आपूर्ति पहाड़ों पर होगी इसकी जानकारी ली। साथ ही आॅक्सीजन प्लांटों की स्थापना, काॅसंट्रेटर आदि व अन्य विकल्प भी तैयार रखे जाने को कहा।
श्रीमती मौर्य ने बाॅर्डर चैकिंग, मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग पर कोई भी लापरवाही न बरतने, कोविड गाइड लाइन का पालन न करने वालों पर सख्ती रखने व चालान प्रक्रिया में ढ़िलायी न दिये जाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने आईजी कुमाऊँ श्री अजय रौतेला से पिछली बैठक में ड्रग्स व नशे के विरूद्ध अभियान के निर्देशों पर अमल में लायी गयी कार्रवाई की भी जानकारी ली। आईजी रौतेला ने बताया कि बाॅर्डर व चैक पोस्ट चैकिंग में इस बार पुलिस ने ड्रग्स व नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कसते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने चैकिंग में ड्रग्स, चरस,गांजा,नशे के इंजेक्शन, स्मैक भारी मात्रा में बरामद की है। राज्यपाल ने नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताया। श्री रौतेला ने राज्यपाल को बताया कि कोरोना के दौरान पुलिस प्रशासन के मिशन हौंसला के अन्तर्गत पुलिस ने बड़ी संख्या में कोविड संक्रमितों के लावारिस शवों के दाह संस्कार किये। लोगांे को आॅक्सीजन दिलाने में भी अहम भूमिका अदा की जिस पर राज्यपाल ने पुलिस की मिशन हौंसला के अन्तर्गत अंतिम संस्कार के कार्यों की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना कफ्र्यू में शासन से कुछ व्यापारों को नियमों के साथ खोलने में छूट दी जा रही, इसके साथ नैनीताल के पर्यटन को पुनः सदृढ़ बनाने के लिए बोट, रिक्शा, घोड़ा-खच्चर चालकों को एसओपी का पालन कराते हुए संचालन की अनुमति पर भी विचार करें। कोरोना अवधि के कारण छोटे व्यवसायियों के सामने आ रहे आजिविका संकट खड़ा हो गया है। इन श्रमिकों, व्यवसायियों को राहत सामग्री के साथ-साथ अन्य जरूरी सामानों की किट भी रोजगार के पटरी पर आने तक उपलब्ध करायी जाये। बोट, रिक्शा, घोड़ा-खच्चर चालकों को राजभवन की ओर से भी राहत सामग्री प्रदान किये जाने तथा पीएचसी नैनीताल को दस लीटर क्षमता के 25 आॅक्सीजन कन्संट्रेटर दिये जाने की बात कही। मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल से गोद लिये गये ‘गहना’ गांव में किये गये विकास व उत्थान कार्यो की जानकारी ली। उन्होंने गोद लिये गये गांव में क्या परिवर्तन जीवन स्तर और आर्थिकी सुधार में आये, कौन से प्रोजेक्ट गांव में शुरू किये गये सभी की फोटो सहित रिपोर्ट अति शीघ्र प्रेषित करने को कहा। सभी स्थानीय महिला स्वंय सहायता समूहों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए इन स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का उचित प्रबंध किया जाये। उत्तराखण्ड के पहाड़ी व्यंजनों, एपण व अन्य कलाओं में माहिर महिलाओं को एसएचजी से जोड़कर लोकल उत्पादोें व महिला समूहों को बढ़ावा दिया जाये। समूहों को मिलने वाली सरकारी सहायता आदि का प्रचार-प्रसार भी किया जाये, जिससे अधिक से अधिक महिलायें लाभान्वित हों। होम स्टे योजना से भी स्थानीय लोगों को लाभान्वित किया जाये। देखने में आया है कि कोरोना काल में वर्क फ्राॅम होम के लिए होम स्टे को प्रवासियों के बीच लोकप्रियता मिली है। अन्य राज्यों से लौटे प्रवासियों ने होटल की अपेक्षा होम स्टे मंे रूची दिखायी है।
उत्तराखण्ड के विकास और उन्नति के लिए जो भी प्रस्ताव आवश्यक होंगे उनको शासन और भारत सरकार को भेजा जाएगा।

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