जोशीमठ की घटना से शर्मसार हुई है देवभूमि, समाज का क्रूर अमानवीय चेहरा उजागर: यशपाल आर्य

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देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में जोशीमठ में तबियत खराब होने के कारण मेले में ढोल बजाने नहीं आ पाने पर परंपरा का उलंघन का दोष मढ़ते हुए अनुसूचित जाति व्यक्ति पर गांव की पंचायत ने पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया, नौला, धारा, सड़क, घास, रास्ते, हुक्का पानी, सामग्री खरीदने पर बहिष्कार का विषय संज्ञान में आया है ।

उत्तराखंड में इस तरह की घटना के होने से देवभूमि शर्मशार हुई है और ये बेहद दुःखद एवं अमानवीय व चिंताजनक है और हमारे समाज के क्रूर अमानवीय चेहरे को दिखाती हैं।

आज हम समता व सामाजिक सौहार्द की बात करते हैं पर आज भी कुछ असमाजिक तत्व इस सौहार्द को समाप्त कर समाज को बांटने वाली वर्ण व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का षडयंत्र रचने का कार्य कर रहे हैं। आज सर्वसमाज में आवश्यकता है कि ऐसे लोगो का विरोध करे जो समाज में ऊंच-नीच, छूवाछूत,द्वेष की भावना फैलाए..। इस तरह की अपराधिक कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा दंडित करने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है सभी वर्गों के लोग इस कृत्य की निन्दा करते हुए अपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करें ।मेरी इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक चमोली से दूरभाष पर बात हुई और में मुख्यमंत्री जी से एवं सरकार से भी माँग करता हूँ कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए इन तत्वों के खिलाफ सख़्त से सख्त कार्रवाई करे।

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