वर्दी में लूट: पुलिस के दरोगा ने दो लोगों के साथ मिलकर सर्राफ के कर्मचारियों के साथ कर दी 42 लाख से अधिक की लूट

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वाराणसी। वाराणसी के नीचीबाग के कूड़ाखाना गली निवासी सर्राफ जयपाल कुमार के दो कर्मचारियों से 42.50 लाख की लूट में वाराणसी के ही रामनगर पुलिस ने नदेसर (कैंट) चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश पांडेय समेत तीन को गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से लूट के 8 लाख 5 हजार रुपये नगद, दो पिस्टल, कारतूस और बाइक बरामद की गई है। तीनों को बुधवार को जेल भेज दिया गया। उधर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आरोपी दरोगा को निलंबित कर दिया।

डीसीपी काशी गौरव बंशवाल ने चेतगंज स्थित पुलिस आफिस में बताया कि 22 जून की रात आरोपी हाईवे पर विश्वसुंदरी पुल के पास बस में सवार सर्राफ जयपाल के दो कर्मचारियों को नीचे उतारकर दूसरे वाहन में ले गए। इसके बाद 42.5 लाख रुपये लूट लिये। लूटकांड में दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय, अहिरौली (चोलापुर) निवासी विकास मिश्रा, आयर बाजार (चोलापुर) निवासी अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। घटना के समय सूर्यप्रकाश पांडेय वर्दी में था। उन्होंने बताया कि वारदात में बड़ागांव निवासी निलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी, योगेश पाठक उर्फ सोनू भी शामिल थे, जिनकी तलाश की जा रही है। आरोपी विकास मिश्रा के पास से लूट के 5.70 लाख, अजय गुप्ता के पास से दो लाख, सूर्यप्रकाश पांडेय के पास से 35 हजार रुपये बरामद हुए हैं। दरोगा सूर्यप्रकाश प्रयागराज के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के शुक्ला मार्केट, सलोरी का रहनेवाला है।
पुलिस अफसरों की पूछताछ में पता चला है कि सूर्य प्रकाश पांडेय केवल सर्राफ जयपाल के कर्मचारियों से ही लूट में शामिल नहीं था, बल्कि इसके पहले उसने कई वारदात को अंजाम दिया है। पूर्व की घटनाओं में चार से पांच करोड़ रुपये तक लूट की बात सामने आ रही है। चूंकि पूर्व में लूट की घटनाओं में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई, लिहाजा सख्ती के बावजूद सूर्यप्रकाश ने मुंह नहीं खोला।
रामनगर पुलिस की भूमिका भी पूरे मामले में संदिग्ध है। घटना 22 जून की है, जबकि मुकदमा 13 जुलाई को लिखा गया। मुकदमा भी पुलिस ने कारोबारी के कर्मचारियों पर ही धन गबन में दर्ज किया। जबकि कारोबारी ने 11 जुलाई को दी गई अपनी तहरीर में लिखा था कि बस में वर्दी पहने एक व्यक्ति सवार हुआ था। यह भी बताया था कि उसने दोनों कर्मचारियों के साथ ही बस और परिचालक से घटना के संबंध में बात की। इन सबके बावजूद रामनगर पुलिस ने बिना तफ्तीश किये पुलिसकर्मी को बचाने के लिए कर्मचारियों पर ही केस लाद दिया।
आरोपी दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के पिता भी पुलिस महकमे में थे। डीएसपी के पद से रिटायर हुए थे। विभागीय कर्मचारियों में इस बात की काफी चर्चा रही। वहीं दरोगा के कार्यों की निंदा भी हो रही थी।
2019 बैच के दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय की पहली तैनाती बड़ागांव थाने पर हुई थी। वहीं उसकी नजदीकी बड़ागांव निवासी अपराधी नीलेश यादव, मुकेश दुबे, योगेश पाठक, चोलापुर के अजय और विकास से हुई। इनकी शोहबत में आकर सूर्यप्रकाश को रुपये का चस्का लग गया। बड़ागांव और कचहरी चौकी पर तैनाती के दौरान रुपये वसूली को लेकर वह बदनाम था।

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