हल्द्वानी। उत्तराखंड में मनाये जाने वाले हरेला पवॅ का अब कुछ ही समय बचा है। इससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने हरेले के बहाने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर की गई पोस्ट में कहा है कि मैंने हरेले को राज्य पवॅ घोषित किया। साथ ही मेरा वृक्ष मेरा धन योजना शुरू की। सरकार से हटते ही इस योजना को ही अलविदा कह दिया गया।
श्री रावत ने लिखा है कि हरेले उत्तराखंड का मुख्य पवॅ है। इसके लिए मेरी सरकार के समय मैंने मेरा वृक्ष मेरा धन योजना शुरू की।शुरू में इस योजना के तहत वन विभाग और उद्यान विभाग दोनों ने मिलकर लोगों को पौध उपलब्ध कराए। मेरा मकसद फलदार और छायादार पौधों कि ज्यादा रोपण करने का था। इनमें फलदार नींबू, माल्टा, कीवी पौध और चारा प्रजाति के गेठी, भीमल, खङक और बहुवा जैसे पौध उपलब्ध कराए। इसके अलावा हरिद्वार में हाथी बाहुल्य क्षेत्र में कंङी पत्ता के पौधों को प्राथमिकता दी।
इन पौधों को रोपण करने और तीन साल तक इनकी रखवाली करने की व्यवस्था की गई। पौध लगाने वाले और इनकी रखवाली करने वालों के लिए बोनस के रूप में एफडी की व्यवस्था की गई। तय किया गया था कि चारा प्रजाति के जो जितने पौध लगाएगा उसे 300 रूपए और फलदार वृक्ष लगाने वाले को 400 रुपये प्रति पौध के हिसाब से बोनस दिया जाएगा। यह योजना लोकप्रिय हुई। लोगों हाथों हाथ इस योजना को लिया। उन्हें तीन साल बाद एक निश्चित रकम भी मिल रही थी।
श्री रावत ने लिखा है कि मगर नियति को कुछ और मंजूर था। मेरी सरकार जाने के बाद इस योजना को बी अलविदा कह दिया गया। मेरा वृक्ष मेरा धन योजना कभी थी। अब वह कहानी बनकर लोगों को सुनाई जाएगी। उनकी यह वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की नीति थी।