भाकपा माले ने बिजली के प्रीपेड मीटर के खिलाफ किया प्रदर्शन, निजीकरण, ठेकाकरण का किया विरोध

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हल्द्वानी। भाकपा (माले) द्वारा “भाजपा हटाओ- उत्तराखण्ड बचाओ अभियान” के तहत बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने, बिजली के बिलों में भारी बढ़ोत्तरी और विद्युत विभाग के निजीकरण- ठेकाकरण के खिलाफ़ आज विद्युत विभाग एसडीओ कार्यालय, लालकुआं के सम्मुख प्रदर्शन किया। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने की योजना वापस लेने और यूपीसीएल के निजीकरण की कोशिशें बंद करने की मांग की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत मरचुला अल्मोड़ा में हुई भीषण दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और घायलों को शीघ्रता से स्वस्थ होने की कामना के साथ की गई। प्रदर्शन के पश्चात एसडीओ के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया। एसडीओ महोदय ने अपने स्तर की समस्याओं जैसे लो वोल्टेज, बिजली की सुचारू सप्लाई की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर भाकपा माले के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, भाजपा की धामी सरकार सरकार बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने के माध्यम से यूपीसीएल के निजीकरण की कोशिशें कर रही है जिसका हम विरोध करते हैं। भाजपा सरकार द्वारा पहले ही कई कई बार बिजली दरों में वृद्धि करके आम जनता के लिए मुश्किलें खड़ी की गई हैं और अब ये सरकार प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की योजना पर काम कर उनकी मुश्किलों को बढ़ाने का काम कर रही है।

माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, राज्य सरकार की प्रीपेड मीटर की नीति कुल मिलाकर विद्युत विभाग के निजीकरण और जनता पर भारी बिजली बिलों को डालने का काम करेगी। जिस तरह से प्रीपेड मीटर लगाने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रिय पूंजीपति गौतम अडानी को दिया गया है उससे सरकार की मंशा और भी साफ़ हो गई है। इसके जरिए कुल मिलाकर राज्य सरकार यूपीसीएल (उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) का निजीकरण और बिजली के दामों में भारी बढ़ोत्तरी करना चाहती है और इस उपक्रम को अडानी के हवाले करना चाहती है, यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि, प्रीपेड मीटर लगाने की नीति जनता के खिलाफ़ तो है ही साथ ही यह विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए भी खतरे की घंटी है क्योंकि प्रीपेड मीटर लगाने से भारी पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी होगी, पहले से ही ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की नौकरियों पर गाज गिरना तय है। जिससे पहले से भयानक हो रही बेरोज़गारी में और इजाफा होगा। इसलिए हम सरकार की इस नीति का विरोध करना और प्रीपेड मीटर योजना को रद्द किए जाने की मांग करना बेहद जरूरी है।

धरना प्रदर्शन के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री से तीन सूत्रीय मांग की गई। कहा कि राज्य में विद्युत के प्रीपेड मीटर लगाने की योजना वापस ली जाए और बिजली मीटरों की पुरानी पोस्ट पेड पद्धति जारी रखी जाए। यूपीसीएल के निजीकरण- ठेकाकरण की कोई भी कोशिश बंद की जाय। लगातार जारी लो-वोल्टेज की समस्या और उसके बावजूद बिजली बिलों में भारी बढ़ोत्तरी पर रोक लगाई जाए।
प्रदर्शन में भाकपा माले के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, बिंदुखत्ता सचिव पुष्कर दुबड़िया, विमला रौथाण, ललित मटियाली, किशन सिंह बघरी, नैन सिंह कोरंगा, हरीश भंडारी, निर्मला शाही, ललित जोशी, अमन रावत, अनीता, बिशन दत्त जोशी, अंबा दत्त बचखेती, मेहरुन्निशा, तेजेंद्र सिंह जग्गी आदि ने भागीदारी की।

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