चौखुटिया। क्षेत्र के नाराज ग्रामीणों को मनाने के लिए जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय चौखुटिया पहुंचे। आंदोलन स्थल पर जाकर और ब्लॉक सभागार में बैठक कर ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया। छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाकर क्षेत्र के ग्रामीण माने।
क्षेत्र की समस्याओं को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि समस्याओं के निदान के लिए लंबे समय से गोदी-खीड़ा-तड़ागताल संघर्ष समिति क्रमिक अनशन पर बैठी थी। वहीं, 30 सूत्रीय समस्याओं का निदान नहीं होने पर गेवाड़ विकास समिति में भी आक्रोश था और समिति ने जल्द ही उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी। तमाम प्रयासों के बाद भी ग्रामीण नहीं मान रहे थे। तमाम अधिकारियों के आश्वासनों के बाद भी ग्रामीणों के नहीं मानने पर डीएम आलोक कुमार पांडेय खुद चौखुटिया पहुंचे। गोदी में आंदोलन स्थल पर जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। वहीं, ब्लॉक सभागार में बैठक कर गेवाड़ विकास समिति और गोदी-खीड़ा-तड़ागताल संघर्ष समिति की समस्याओं को सुना। डीएम ने सड़कों का जल्द सुधारीकरण करने, नए सड़कों के निर्माण के लिए प्रयास करने, स्कूलों में 15 दिन के भीतर शिक्षकों की नियुक्ति का आश्वासन दिया। साथ ही स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई योजनाओं पर भी संबंध विभागीय अधिकारियों से उचित कार्रवाई करने को कहा। आश्वासन के बाद गोदी-खीड़ा-तड़ागताल संघर्ष समिति ने अनशन को स्थगित कर दिया है, लेकिन समयबद्ध विकास कार्य नहीं होने पर फिर से आंदोलन को बाध्य होने की चेतावनी दी।
इस दौरान एसएसपी देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शासनी, एसडीएम सुनील कुमार राज, तहसीलदार तितिक्षा जोशी, पीसी तिवारी, समिति अध्यक्ष गजेंद्र सिंह नेगी, विधायक मदन बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख किरण बिष्ट, जेसी त्रिपाठी, हीरा सिंह बिष्ट, महेश लाल वर्मा, भगवत सिंह रावत, रामस्वरूप मासीवाल, मुकेश पांडे, सुरेंद्र सागैला, जीवन नेगी, पवन पांडे, रघुवर नैनवाल, अशोक कुमार, दिनेश मनराल रहे।
इस बीच गेवाड़ विकास समिति की 30 सूत्रीय मांगों पर भी विकासखंड सभागार में चर्चा हुई। डीएम ने सदस्यों से कहा कि क्रमवार समस्याओं का समाधान किया जाएगा। साथ ही शासन स्तर से होने वाली समस्याओं के लिए वार्ता की जाएगी। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से समस्याओं के समाधान की प्रगति रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने को कहा। वहीं, समिति ने कहा कि दो दिसंबर तक समस्याओं का निदान नहीं होने पर वह आंदोलन को बाध्य होंगे।