कोई संवैधानिक संकट नहीं, आप की चुनौती देख मुख्यमंत्री ने छोङा मैदान: समित

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हल्द्वानी। आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में एक बार फिर किए जा रहे नेतृत्व परिवर्तन को लोकतंत्र का मजाक और राज्य की जनता के साथ फिर से छलावा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जम कर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा ने उत्तराखंड को मुख्यमंत्री बनाने की प्रयोगशाला बना दिया है।
आज आप के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने कहा कि 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने प्रदेश की जनता को स्थिर सरकार देने का वादा करते हुए कहा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्रियों की अदला-बदली का खेल खत्म किया जाएगा, लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस वादे को कूड़ेदान में डाल दिया और सवा चार साल में ही तीन मुख्यमंत्री बना दिए हैं।
भाजपा के इस रवैये से लगता है कि चुनाव होने तक और भी नाम मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में जुड़ सकते हैं। पार्टी ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के साथ ही भाजपा को यह भी बता देना चाहिए कि उनकी मियाद कितने दिन की होगी ?
आम आदमी पार्टी ने कहा कि तीरथ सिंह रावत को पहले मुख्यमंत्री बनाना और फिर संवैधानिक संकट की दुहाई देकर इस्तीफा दिला कर भाजपा ने उनकी नाकामियों पर पर्दा डालने का काम किया है। आप प्रवक्ता ने कहा, बीजेपी अपने सीएम को क्या एक सीट पर भी नहीं जीता सकते क्या ? जो इनको मैदान छोड़ कर भागना पड़ा है। समित टिक्कू ने कहा, इनका संवैधानिक संकट सिर्फ एक बहाना है । इन्होंने इलेक्शन कमीशन से पूछा ही नहीं क्योंकि इनको पूरा विश्वास था कि इनका सीएम हार रहा है और इनके सभी मंत्री, विधायक संगठन मिलकर अपने पिछले साढ़े चार साल के कुशासन के चलते ,अपने सीएम को उत्तराखंड की किसी भी सीट से नहीं जीता सकते इसलिए इनको मैदान छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने कहा, बीजेपी प्रचंड बहुमत के बाद भी प्रदेश को स्थाई सीएम नहीं दे पाई बल्कि सीएम बदलने का काम करती रही यही नहीं इनको भरोसा नहीं कि इनके सभी लोग मिलकर एक सीएम को जीता पाएंगे तो ये 2022 में कैसे इलेक्शन लड़ेंगे ये बड़ा सवाल है।
समित टिक्कू ने कहा,हमने चुनौती क्या दी,सीएम साहब मैदान छोड़ कर भाग गए और संवैधानिक संकट का बहाना मार रहे जबकि इलेक्शन कमीशन ने इस बाबत कोई निर्णय नहीं लिया था।

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