रुद्रपुर। एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस ने काशीपुर के वृद्ध को डिजिटल अरेस्ट कर 45.40 लाख की ठगी करने के आरोपी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने कथित टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑ़फ इंडिया (ट्राई) और मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के नाम पर ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि जुलाई माह में काशीपुर निवासी एक वृद्ध ने पंतनगर साइबर थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि नौ जुलाई को उनके व्हाट्सएप नंबर पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को कथित ट्राई का अधिकारी बताकर मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा उनके आधार और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 17 केस पंजीकृत होने की बात कही थी। इसके बाद उनको वीडियो कॉल किया गया। इसमें एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने नजर आ रहा था। वहीं उनको एक एफआईआर की कॉपी भेजकर बताया कि उनके नंबर और आधार कार्ड केनरा बैंक मुबई में 20 करोड़ के हवाला घोटाले में संलिप्त पाए गए हैं। जांच पूरी नहीं होने तक उनको कॉल काटने से मना कर दिया। डर के कारण मामले से बचने के लिए उन्होंने उनके कहे अनुसार अपने बैंक खाते से आरटीजीएस के जरिए 45.40 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। साइबर पुलिस टीम ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की। शुक्रवार रात टीम ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना में शामिल मुख्य आरोपी चमनपुरा थाना बरियारपुर जिला देवरिया यूपी निवासी पंकज कुमार पुत्र राजेन्द्र प्रसाद को चिह्नित कर लखनऊ से गिरफ्तार किया। टीम ने आरोपी के कब्जे से प्रयुक्त मोबाइल, दो सिम कार्ड और बैंक चेकबुक बरामद की हैं।
पंतनगर साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि आरोपी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर वृद्ध को वीडियो कॉल किया था। वहीं व्हाट्सएप कॉल कर वृद्ध को करीब 36 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा था। इस दौरान पीड़ित फोन के आगे बैठा रहा।
पूछताछ में आरोपी पंकज ने बताया कि उसने विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले थे। उन खातों में साइबर अपराध से ठगी गई रकम जमा कराई जाती थी। इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग के जरिए रकम को निकाला जाता था। बताया कि जांच में आरोपी के इन बैंक खातों के स्टेटमेंट में करोड़ों रुपये का लेनदेन पाया गया है।
साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी पंकज के खिलाफ सात राज्यों में दो मुकदमे और सात शिकायतें हैं। आरोपी ने उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड और तेलंगाना में ठगी की है। साइबर पुलिस आरोपी के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।