हल्द्वानी। जिलाधिकारी वन्दना की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में वनाग्नि रोकथाम हेतु पूर्व तैयारी बैठक सम्पन्नहुई। बैठक में विभिन्न विभागों के साथ वनाग्नि की रोकथाम हेतु आवश्यक उपाय आदि पर चर्चा करते हुए वार्षिक कार्ययोजना को अनुमोदित किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी वनाग्नि काल में जिले में जानमाल की एक भी घटना घटित न होने पाए इस हेतु व्यापक तैयारी वन विभाग अभी से पूरी कर ले, इस हेतु वन विभाग संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर अभी से कार्यवाही करना प्रारंभ कर ले। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम हेतु सबसे महत्वपूर्ण है,आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता। इस हेतु विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक कराया जाय,उन्हें वनाग्नि से होने वाले नुकशान के बारे में बताया जाय। इसमें ग्राम स्तर पर पंचायतों,मंगल दलों,स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम में स्थानीय लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित हो इस हेतु ग्रामीण स्तर पर लोगों के साथ समन्वय बना रहे।
आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा वनाग्नि रोकथाम हेतु स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित किया जाय, इस हेतु जिलाधिकारी ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही जिले के सभी इंटर कॉलेजों में शिक्षा विभाग के सहयोग से छात्र छात्राओं को भी वनाग्नि रोकथाम हेतु जागरूक किया जाय, ताकि वह भी अपने स्तर से अभिभावकों व अन्य को जागरूक करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में वनाग्नि संभावित जितने भी संवेदनशील क्षेत्र व स्थान हैं उन स्थानों को वन विभाग चिह्नित करते हुए ऐसे स्थानों में अग्निशमन विभाग के माध्यम से अग्निसयंत्र/वाहन/फायर हाइड्रेंट आदि व्यवस्था स्थापित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के जिन क्षेत्रों में वनाग्नि की अधिक घटनाएं होती हैं ऐसे दो स्थानों में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की तैनाती हेतु भी प्रस्ताव अभी से शासन को भेजा जाए।
बैठक में जिलाधिकारी ने वन विभाग को निर्देश दिए कि जिले में वनाग्नि काल में बनने वाले सभी क्रू स्टेशनों को अभी से एक्टिव करते हुए उनमें सभी वनाग्नि की रोकथाम से संबंधित उपकरण रखे जाय वायरलेस व्यवस्था सुचारू हो जिन क्षेत्रों में वन विभाग की संचार व्यवस्था नहीं है ऐसे क्षेत्रों में पुलिस वायरलैस व्यवस्था हेतु पुलिस दूरसंचार विभाग का सहयोग लिया जाय। इसके अतिरिक्त वनाग्नि संवेदनशील क्षेत्रों में समय समय पर ड्रोनकैमरे के माध्यम से भी सर्वे व निरीक्षण किया जाय। जो व्यक्ति वनों में आग लगाते पाया जाता है तत्काल उसकी पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई जाय। जंगल क्षेत्रों या भीतर घूमने वाले व्यक्तियों पर भी पैनी नजर बनी रहे।जिलाधिकारी ने कहा कि हर संभव वह कार्य किए जाए जिससे वनाग्नि की घटना को रोका जा सके।उन्होंने कहा कि प्रत्येक फायर वाचर की सुरक्षा महत्वपूर्ण है इस हेतु व्यापक सुविधा उन्हें मुहैय्या कराई जाय,उन्हें पूर्ण उपकरणों से सुसज्जित कराया जाय। पूर्व प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाय।
इसके अतिरिक्त बैठक में वनाग्नि रोकथाम के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई।जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा। वन विभाग द्वारा वनाग्नि की घटनाओं की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए। वनाग्नि घटना की सूचना प्राप्त
होते ही तत्काल कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी।
बैठक में डीएफओ कुंदन कुमार,प्रकाश आर्या,हिमांशु बागड़ी,सीएस जोशी,हेम चंद्र गहतोड़ी,दिगंत नायक मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेन्द्र सिंह कुंवर अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।