काशीपुर। ऊधमसिंहनगर में साइबर ठगों ने एक प्रोफेसर की पत्नी को नौ घंटे डिजिटल अरेस्ट कर उसके खाते से 9.83 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ठगों ने महिला के खाते में दो करोड़ रुपये आने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात कहकर डराया। महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
टांडा उज्जैन निवासी एक महिला के पति नैनीताल जिले के एक महाविद्यालय में प्राध्यापक हैं। उनके बेटा और बेटी बाहर रहते हैं। 18 दिसंबर को पति घर से बाहर गए हुए थे। सुबह करीब आठ बजे महिला के मोबाइल पर एक कॉल आई, जो वह रिसीव नहीं कर सकीं। कुछ देर बाद महिला ने कॉल बैक की तो अनजान कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए महिला के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की बात कही। कहा कि उसके केनरा बैंक, मुंबई स्थित खाते में किसी नरेश गोयल ने दो करोड़ रुपये डाले हैं। उस व्यक्ति के खिलाफ फ्रॉड के 17 केस हैं। महिला के यह कहने पर कि उसका केनरा बैंक में कोई अकाउंट नहीं है, कॉल करने वाले उसे, उसके बेटे और पति के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी देकर धमकाने लगे। कहा कि केनरा बैंक में उसका आधार कार्ड और बायोमेट्रिक तक है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर कॉलर ने उसे धमकाते हुए शाम पांच बजे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उसे खाना तक नहीं खाने दिया। यहां तक कि कॉलर ने उन्हें शौचालय में भी मोबाइल साथ रखने की हिदायत दी। महिला ने बताया कि उनके धमकाने से वह डिप्रेशन में आ गई और बैंक जाकर उसने 9,83,981 रुपये ठग के बताए खाते में ट्रांफसर कर दिए। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच एसआई जय प्रकाश को सौंपी गई है।
पीड़ित महिला का कहना है कि वह अपनी बेटी की शादी के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश में है। इसी के चलते उसने मैट्रिमोनियल साइट पर पंजीकरण कराया था। शादी के सिलिसले में जानकारी हासिल करने के लिए उनके पास कई कॉल्स आई थीं। इन लोगों के साथ परिवार की जानकारी शेयर की थी। उनका इकलौता बेटा अमेरिका में जॉब करता है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठगों ने बेटे का पासपोर्ट रद कराने और उसके खिलाफ केस दर्ज करने की चेतावनी दी। परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वह ठगों के झांसे में आ गई और दबाव में रकम ट्रांसफर कर दी। चौकी के सामने से गुजरी, पर शिकायत की हिम्मत नहीं जुटा सकी। महिला ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के दौरान बैंक खाते से रकम ट्रांसफर करने के लिए जाते समय वह टांडा उज्जैन पुलिस चौकी के सामने से गुजरी, लेकिन चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मियों से शिकायत करने का साहस नहीं जुटा सकी। ठगी होने के बाद उसने अपने पड़ोसी के बेटे से साइबर हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराई।
सीओ काशीपुर दीपक कुमार सिंह का कहना है कि काशीपुर में दर्ज मामला जांच के लिए साइबर सेल को भेजा जा रहा है। लोग अनजान कॉल से सावधान रहें। अगर कोई अनजान कॉलर इस तरह धमकाता या डराता है, तो तत्काल इसकी सूचना संबंधित पुलिस चौकी अथवा थाने को दें।