लाॅकडाउन में श्रमिकों पर दजॅ मुकदमे वापस होने हो गए हैं शुरू

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देहरादून। शासन ने लाकडाउन के दौरान आवाजाही करने वाले श्रमिकों से मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कड़ी में ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग और टिहरी में दर्ज 44 मुकदमें वापस लिए जा चुके हैं। अब शेष अन्य जिलों में भी मुकदमे वापसी के लिए जल्द प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा जा रहा है।
मार्च 2020 में कोरोना के कारण देश भर में लाकडाउन लगाया गया था। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़ आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। इस दौरान देश भर के विभिन्न स्थानों में तैनात श्रमिक अपने घरों को पैदल ही लौटने लगे थे। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। उत्तराखंड में चल रही विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं में हजारों प्रवासी मजदूर कार्यरत हैं। जहां ये परियोजनाएं चल रही हैं वहां आसपास बहुत छोटी-छोटी बस्तियां हैं।
इस कारण इनका राशन-पानी जल्द खत्म हो गया। सरकार व स्वयंसेवकों के जरिये मदद मिल तो रही थी लेकिन महामारी की आशंका ने हर किसी को डराया हुआ था। ऐसे में बड़ी संख्या में प्रवासी लाकडाउन के दौरान अपने घर को निकल पड़े थे। रास्ते में जहां भी ये लोग पकड़े गए, इन पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमे भी दर्ज किए गए। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए लाकडाउन के दौरान श्रमिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के आदेश दिए थे।
इस क्रम में शासन ने सभी जिलों से ऐसे मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। अब जिलों से प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ जिले ऐसे भी रहे जहां श्रमिकों पर मुकदमें दर्ज नहीं हुए हैं। शेष जिलों ने दर्ज मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीन जिलों में दर्ज मुकदमें वापस लिए जा चुके हैं और शेष के प्रस्ताव को अभी अनुमति देने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, ऐसे कुल कितने मुकदमें दर्ज हुए इसकी सूचना सभी जिलों से प्रस्ताव आने के बाद ही पता चल पाएगी।

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