देहरादून। उच्च शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यावसायिक, उद्यमिता एवं रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से सम्पर्क कर विभिन्न देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षण गतिविधियों को रूचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार की भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराया जाए। राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लिया जाए। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हो, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. रंजीत सिन्हा उपस्थित थे।






