प्रख्यात जागर गायिका पद्मश्री डॉ बसंती बिष्ट ने दी रोचक प्रस्तुति: नृत्य नाटिका, गाथा गाकर लोक संस्कृति के अनूठे आयोजन को रोचक बनाया

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हल्द्वानी। श्रीकृष्ण की लोकगाथा अलौकिक है, यह लिखित तो नहीं है पर रहस्यों से भरी हुई है, इस क्षेत्र में बहुत शोध की जरूरत है, जागर के माध्यम से न केवल श्री कृष्ण के रहस्यों को लोक गाथा में जीवित रखा गया है वरन जागर समस्याओं के समाधान, सकारात्मक सोच व सही विकास का कारक भी है। सिंथिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी मै आज आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री डॉ बसंती बिष्ट ने उक्त विचार प्रगट किये।

स्कूल में उत्तराखंड के मौखिक लोक गाथा गीतों में विद्यमान भगवान श्री कृष्ण का लोक इतिहास पर एक ससंदर्भ व्याख्यान और मौखिक गाथा उत्तराखंड की प्रख्यात जागर गायिका पद्मश्री से सम्मानित विदुषी डॉ बसंती बिष्ट ने अपनी रोचक प्रस्तुति दी, उन्होंने नृत्य नाटिका, गाथा गा कर और व्याख्यान के रूप में श्री कृष्ण के चरित्र को लोक गाथाओं के रूप में पेश कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध किया, इस अवसर पर जागर गायन में रंजीत सिंह बिष्ट ने हुड़का, डॉ हिमांशु ने ढोलक, लता कुंजवाल, लक्ष्मी देवी व हेमा बिष्ट ने विशेष सहयोग देकर लोक संस्कृति के इस अनूठे आयोजन को रोचक बनाया।
इससे पूर्व पद्मश्री डॉ बसंती बिष्ट, प्रधानाचार्य डा.प्रवीन्द्र कुमार रौतेला, निदेशक रश्मि रौतेला,पवन पहाड़ी, दयाल पांडे समेत तमाम गण्यमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके समारोह का पप्रारम्भ किया। प्रधानाचार्य डॉ प्रवीन्द्र रौतेला ने सभी का स्वागत करते हुए लोक संस्कृति के विविध आयामों को जन जन तक पहुचाने में उनके द्वारा किये जा रहे कार्य को अद्वितीय बताया। उन्होंने कहां कि पद्मश्री बसंती बिष्ट ने लोक परंपरा को न केवल जीवित रखा इसे आगे भी बढ़ाने में विशेष कार्य किया जा रहा है संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और संगीत नाटक अकादमी से समर्थित यह कार्यक्रम
पद्मश्री बसंती कई शहरों में पहले ही कर चुकी हैं अब यह कार्यक्रम कुमाऊं के हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और फिर 6 जून को डीडीहाट क़िताब कौतिक में प्रस्तुत होगा, हल्द्वानी में यह आयोजन क्रिएटिव उत्तराखंड म्योर पहाड़ और सिंथिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सहयोग से किया गया कार्यक्रम का संचालन अकेडमिक कॉर्डिनेटर बी बी जोशी ने किया इस दौरान क्रिएटिव उत्तराखंड म्योर पहाड़ के अध्यक्ष दयाल पांडे, प्रधुम्न बिष्ट, एस सी मिश्रा, कात्यायन रौतेला, कॉर्डिनेटर प्रदीप मित्रा, महेश जोशी, मोहन जोशी, त्रिभुवन जोशी, प्रवीन स्कॉट,बी एस बनेठा,ऋचा कर्नाटक, मनीषा जोशी, एल डी पाण्डेय, कॉमेडियन पवन पहाड़ी,रिस्की पाठक, ब्रिगेडियर धीरेश जोशी, भगवती पनेरू, अमृता गिरीश, मुकेश कोहली, राम लोहनी, ललिता कापड़ी प्रफुल्ल पंत, प्रियांशु भट्ट, आदि समेत बड़ी संख्या में अभिभावक व शिक्षक मौजूद रहे।

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