पटना। बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ एससी/एसटी थाने में एफआईआर दर्ज कराने गये आईएएस सुधीर कुमार ने सीएम नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। पटना के गर्दनीबाग एससी/एसटी थाने में सीएम के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने गये सुधीर कुमार थाने में करीब छह घंटे बैठे रहे, लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। वहीं इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा है कि आज एक आईएएस अधिकारी 5 घंटे से अधिक समय तक थाने में बैठा रहा, लेकिन पुलिस ने उसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की। बिहार के सीएम को आगे आकर सफाई देनी चाहिए। मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हो सकती? सीएम नीतीश कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं दोपहर 12 बजे से इंतजार कर रहा हूं लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। मुझे केवल थाने से एक रसीद मिली है। यह मामला धोखाधड़ी और फर्जी कागजात बनाने और सीएम नीतीश कुमार और अन्य के खिलाफ सबूतों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि बिहार में तानाशाही चल रही है। मुख्य सचिव रैंक का अधिकारी साक्ष्य के साथ थाने में एफआईआर दर्ज करने जाता है, मगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। सीएम नीतीश कुमार सुशासन की दुहाई देते हैं जबकि सीएम और उनके अधिकारियों पर आरोप लगता है तो थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता है। सुधीर कुमार ने कहा कि मेरे आरोप में क्या सच्चाई है, जनता के सामने आना चाहिए।
आईएएस सुधीर कुमार ने कहा कि सीएम पर एफआईआर क्यों नहीं हो रहा है? इस सरकार में ईमानदार लोगों को डराने धमकाने का काम हो रहा है। भ्रष्ट लोगों को जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम के पास न तो नैतिकता बची है और न ही अंतरात्मा।